Saturday, November 23

मधेपुरा से रक्सौल पहुँचे 11 जमातियों को रक्सौल प्रशासन ने किया 14 दिनों के लिए क्वरेंटाइन!

रक्सौल।(vor desk )।।मधेपुरा से यात्री बस पर रक्सौल पहुँचे 11 जमाती घर नही जा सके।उनकी घर परिवार के साथ रमजान की खुशियां बाटने की चाहत अधूरी रह गई। रक्सौल प्रशासन ने सभी को 14 दिनों के लिए क्वरेंटाइन कर दिया है।

इस बाबत एसडीओ अमित कुमार ने बताया कि सभी को क्वरेंटाइन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी 11 लोगों को क्वरेंटाइन सेंटर भेज दिया गया है।ये सभी जमाती हैं।जो रक्सौल अनुमण्डल के रामगढ़वा व आदापुर के रहने वाले हैं।उन्होंने बताया कि सभी का मधेपुरा में सेम्पलिंग हुआ था। मेडिकल टेस्ट निगेटिभ है। सबको 14 दिनों के कोरेन्टाइन पूरा करने के बाद मधेपुरा प्रशासन ने रक्सौल जाने की अनुमति दी है।

उन्होंने बताया कि मधेपुरा आपदा प्रभारी से बात हुई है।उन्होंने बताया कि डीएम के निर्देश पर सभी को भेजा गया है।उन्होंने बताया कि यहां पहुंचने के बाद सुरक्षा दृष्टिकोण से उन्हें किया गया है।इसके बाद वे घर जा सकेंगें। बताया गया कि सभी जमाती रक्सौल अनुमण्डल क्षेत्र के विभिन्न गांव के हैं।शनिवार की सुबह बस से इनके रक्सौल पहुंचने के बाद लोग सकते में आ गए और तरह तरह की चर्चा शुरू हो गई।वहीं,उनके आने के बाद रक्सौल अनुमण्डल परिसर में कड़ी सुरक्षा में सभी जमाती को रखा गया था।बाद में उन्हें क्वरेंटाइन सेंटर पर भेज दिया गया। इधर,जमतियों के बस से रक्सौल लाये जाने पर लोगों में आक्रोश भी देखा गया। सभी मधेपुरा प्रशासन की जम कर आलोचना कर रहे थे।

बस पर आए चालक उदय सिंह व उप चालक महम्मद कासिम ने बताया कि मधेपुरा जिला प्रशासन की अनुमति व पास निर्गत करने के बाद वे सेवा में यहां आये हैं। इन जमातियों को वहां उस वक्त नियंत्रण में लिया गया था,जब वे कही यात्रा में थे। इधर,बस से आये जमातियों ने बताया कि मधेपुरा में 14 दिनों का क्वरेंटाइन पूरा होने के बाद रमजान शुरू होने पर हमने घर भेजने के लिए अनुरोध किया था। वहां के जिला प्रशासन द्वारा रक्सौल जाने की अनुमति देने पर हम बस से यहां पहुंच सके।हम सोंचे थे घर पहुच कर घर परिवार के साथ रमजान मनाएंगे और रोजा रहेंगे।यहां फिर क्वरेंटाइन कर दिया गया।उन्होंने कहा कि घर पहुंच कर भी घर नही जाने का हमे काफी दु:ख है।उन्हें इस बात का सकूँन है कि घर परिवार के पास में तो रहेंगे।एक जमाति ने कहा कि अल्लाह ने चाहा तो हम ईद की खुशियां घर वालों के साटी मनाएंगे।क्या फर्क पड़ता है,वहां भी तो घर से दूर ही थे। अब ईद की खुशियों का इंतजार है!

इस बीच ,लॉक डाउन व सीमा सील होने के बावजूद मधेपुरा प्रशासन के रवैये की आलोचना होती रही।महम्मद इकराम,प्रशांत कुमार,श्याम चौरसिया आदि कहा कि छात्रों को कोटा से लाने की अनुमति नही दी जा रही,तो,इन्हें यहां क्यों और कैसे भेज दिया गया।एभीवीपी के प्रशांत कुमार ने मांग किया कि बिहार सरकाए मामले की जांच कराये।उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का इफेक्ट कई मामलों में तुरंत नही दिखा,लेकिन,बाद में पीजिटिव पाया गया।आखिर प्रशासन ने यह फैसला कैसे ले लिया।रक्सौल आपदा राहत केंद्र व होटलों में जिले व प्रदेश से बाहर के लोग हैं।तब उन्हें भी घर भेजना चाहिए।

वहीं,सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक से इन सब को मधेपुरा से यहां भेजने पर आपत्ति जताते हुए इन्हें अविलम्ब कोरेनटाइन के लिए निर्देश देने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि संक्रमण के खतरे के वक़्त ऐसा निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।

सुनिए क्या कहा एसडीओ अमित कुमार व उप चालक ने

जबकि,अनुमण्डल प्रशासन ने मधेपुरा प्रशासन से भी बात की।वहीं,जिलाधिकारी के निर्देश पर इन्हें कोरेनटाइन सेंटर भेज दिया गया। मौके पर डीएसपी संजय झा,बीडीओ कुमार प्रशांत,इंस्पेक्टर अभय कुमार, सब इंस्पेक्टर संजय कुमार मौजूद रहे।( रिपोर्ट:गणेश शंकर )

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