रक्सौल।( vor desk )।लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) बिहार सरकार द्वारा सरिसवा नदी के पानी एवं रक्सौल प्रखंड के पेयजल की वाटर एनालिसिस रिपोर्ट सौंप दी गई है। पीएचइडी के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव दयाशंकर मिश्र ने यह रिपोर्ट डा. स्वयंभू शलभ को भेजी है।
विभाग द्वारा रक्सौल प्रखंड के अंदर सरिसवा नदी के आसपास 15 अलग अलग जगहों से लिए गए जल नमूनों का अलग अलग डेटा तैयार किया गया है। उक्त डेटा में सरिसवा नदी के पानी में पीएच लेवल, टरबीडीटी और आइरन डिजायरेबल लिमिट से अधिक पाया गया वहीं टोटल कोलाई पॉजिटिव पाया गया है।
पेयजल की रिपोर्ट डिजायरेबल लिमिट के अंदर पायी गई है।
उक्त सरिसवा नदी और हैंड पंप के पानी में पीएच लेवल, टरबीडीटी, इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी, टीडीएस, टोटल हार्डनेस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, क्लोरीन, अल्कलनिटी, आइरन, नाइट्रेट, सल्फेट, फ्लोरिन, आर्सेनिक व टोटल कोलाई की जांच की गई है।
गौरतलब है कि सरिसवा नदी के पानी और रक्सौल नगरक्षेत्र के पेयजल की जांच की मांग डा. शलभ ने राज्य सरकार से की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए इस मामले को पीएचइडी, जल संसाधन विभाग और पंचायती राज विभाग को भेजा गया था। गत 15 फरवरी को डॉ. शलभ की मौजूदगी में पीएचइडी द्वारा रक्सौल नगरक्षेत्र के वार्ड संख्या 1,2,4,5,7,9,12,22,24 और 25 से हैंड पंप वाटर के नमूने लिए गए थे। साथ ही छठिया घाट मंदिर, भकुआ ब्रह्म स्थान, सुंदरपुर अस्पताल और भारत नेपाल मैत्री पुल के समीप से सरिसवा नदी के पानी का नमूना भी संकलित किया गया था। कुल 15 सैंपल लिए गये।
इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए डा. शलभ ने कहा कि इस डेटा की समीक्षा की जा रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्लूसी) द्वारा रक्सौल में इटीपी और एसटीपी लगाए जाने का अनुमोदन पत्र पूर्व में प्राप्त हो चुका है। कोरोना संकट समाप्त होने के बाद दोनों विभागों से प्राप्त अनुमोदन पत्र के साथ नदी की अद्यतन वाटर एनालिसिस रिपोर्ट केंद्र सरकार और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी जाएगी ताकि सरिसवा नदी प्रदूषण समस्या का स्थायी हल निकाला जा सके।