Saturday, November 23

दिल्ली मरकज से लौटे जमातियों की खोज तेज,नेपाल में सौ से ज्यादा पुलिस नियंत्रण में!




रक्सौल।(vor desk )।नई दिल्ली मरकज में शामिल हुए तब्लीगी जमात के लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद नेपाल सरकार ने नेपाल लौटने वाले जमातियों पर निगरानी बढ़ा दी है।इसी क्रम में बुधवार व गुरुवार को करीब सौ से ज्यादा लोगों को नियंत्रण में लिया गया है।इसमे पर्सा जिला से 29 , बारा जिला से 11 व बांके जिला से 6 व सप्तरी जिला से 52 लोगों को नियंत्रण में लिया है।इसमे अधिकांश को मरकज में शामिल होनेे की आशंका में नियंत्रण में लिया गया है।
गृह मंत्रालय ने पुलिस,आर्मी, आर्म्ड पुलिस फोर्स व स्वास्थ्य विभाग को इसमे लगा दिया है।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज़ से लौटे नेपाली नागरिकों की पहचान व शुरू कर दी गई है।
डीआईजी प्रद्युम्न कार्की ने कहा कि पुलिस इस मामले को ले कर हम सतर्क है।बॉर्डर से किसी को प्रवेश नही दिया जा रहा।पुलिस प्रधान कार्यालय के निर्देश पर टीम सक्रिय हो गई है।वहीं,आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि गुरुवार तक सौ से ज्यादा लोगों को नियंत्रण में लिया गया है ।ज्यादातर लोग बिहार
सीमा से लगे सीमावर्ती जिले के बताए गए हैं ।
इस दौरान जहां सबसे ज्यादा सप्तरी जिला में जमात से लौटे लोगों को नियंत्रण में लिया गया।वहीं,बुधवार की रात्रि पर्सा जिला के पटेरवा सुगौली अंतर्गत कंचनपुर गदियानी के एक मस्जिद से 13 धर्म गुरुओं को नियंत्रण में लिया गया।इसमें पर्सा जिला के 2 व रौतहट के 11 धर्म गुरु शामिल बताये गए है।
उसी तरह गुरुवार को सीमा पार कर जगरनाथ पुर के मस्जिद पहुँचे,16 लोगो को पुलिस ने स्थानीय लोगों की सूचना पर नियंत्रण में लिया।इस दौरान स्थानीय वार्ड अध्यक्ष जालिम मियां ने आपत्ति की।जिसके बाद तनाव उत्पन्न हो गया।लेकिन,पुलिस सभी को बीरगंज ले आई।इस बाबत पर्सा जिला की एसपी गंगा पंत ने बताया कि इन्हें चीनी मिल स्थित सिद्धार्थ माध्यमिक विद्यालय में क्वरेंटाइन किया गया है।मेडिकल जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है।
वहीं,बारा जिला के विश्राम पुर से के एक मस्जिद से करीब 11 जमातियो को नियंत्रण में लिया गया।वहां के लोगो ने इसकी सूचना दी थी।ये सभी आदापुर के रास्ते घुसे थे।इन लोगों का कहना था कि वे बिहार से आ रहे हैं न कि दिल्ली से।जबकी,पुलिस का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है।
इधर, मस्जिद,मदरसा ,मरकज से गए लोगों की पहचान का काम लगातार चल रहा है।इस बात की भी छान बिन की जा रही है कि जो दिल्ली के मदरसे में नेपाली छात्र पढ़ते हैं,वे भी लौटे हैं तो वे कहां और कैसे हैं।
बता दे कि नेपाल से बड़ी संख्या में तब्लीगी जमात के लोग दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए अन्तरष्ट्रीय धार्मिक सम्मेलन में शामिल होने गए थे। जब वहां जांच में तब्लीगी जमात के लोगो में कोरोना वायरस संक्रमण की खबर फैली तो नेपाल में भी हड़कंम्प मच गया।बताया गया है कि दिल्ली के अली पुर नरेला ट्रस्ट द्वारा संचालित अपार्टमेंट में 33 वैसे नेपाली नागरिकों को क्वरेंटाइन किया गया है।जो उसमे शामिल हुए थे।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय की ओर से तबलीगी जमात में शामिल होने वालों की सूची दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास को उपलब्ध कराई गई थी।
इसके बाद काठमांडू का गृह मंत्रालय हरकत में आ गया।जिनकी पहचान कर ली गई,उन्हें मेडिकल जांच व क्वरेंटाइन करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई।वहीं, इस मामले को ले कर हाई लेवल मीटिंग भी होने की सूचना है। बता दे कि नेपाल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या फिलवक्त सिर्फ 6 है जिनमें एक व्यक्ति अपना इलाज करा कर वापस जा चुका है। अब तक कोरोना के कारण एक भी मौत की पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन तबलीगी जमात से लौटे लोग को ले कर सीमावर्ती इलाके में भी चिंता बढ़ गई है।

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