
रक्सौल।(vor desk)।चीन से उत्पन्न ‘कोरोना वायरस’ से लड़ाई में भारत-नेपाल सीमावर्ती रक्सौल के नागरिक चौकस दिखे।पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘जनता कर्फ्यू’ को सफल बनाने में उनकी ततपरता व प्रतिबद्धता अभूतपूर्व रही।इसीलिए ,राजनीतिक अपील के बाद भी बन्दी को धत्ता बताने वाले रक्सौलवासी ‘जन कर्फ्यू’ में घरों में कैद हो गए।दुकानो को बन्द रखा।सड़को पर निकलने से भी परहेज किया।कुल मिला कर यह अभूतपूर्व स्थिति रही।रक्सौल की जनता ने जन कर्फ्यू को सफल बनाया। सुबह पौने सात बजे से पहले लोगों ने अख़बार खरीद ली।दूध खरीद लिए।उसके बाद यह सेवा दुकाने भी बन्द हो गईं।दवा दुकान को छोड़ कर दोपहर तक एक भी दुकानें नही खुलीं।इक्का दुक्का लोग व वाहनों को छोड़ दें,तो सभी सड़के सुन सान रहीं।

रेलवे स्टेशन पर भी अभूतपूर्व नजारा रहा।स्टेशन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेनें बन्द हैं।यात्री नजर नही आ रहे।यह मेरे जीवन के लिए भी अभूतपूर्व है।इतने दिनों की सर्विस में भी कभी ऐसी स्थिति नही देखी।वहीं,कोरोना वायरस को ले कर सपरिवार दिल्ली जाने के लिए रिजर्वेशन करा चुके अब्दुल गनी रीजर्वेशन कैंसिल कराने पहुँचे थे।लेकिन,रीजर्वेशन काउंटर पर ताला लगा था।उन्होंने कहा कि जान से बड़ा पैसा तो नही है।जरूरी था,तो स्टेशन आया हूँ।कल ही टिकट रद्द कराएंगे।

इस बीच ,रक्सौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा के नेतृत्व में मेडिकल टीम मुस्तैद दिखी।स्टेशन, इमिग्रेशन,आईसीपी बस स्टैंड,पर मेडिकल टीम सक्रिय रही।

इधर,रक्सौल एसडीओ अमित कुमार व डीएसपी संजय झा भी कोरोना मेडिकल टीम व सुरक्षा व्यवस्था की मोनिटरिंग करते दिखे।बॉर्डर से आवाजाही बन्द कर दी गई है।बिहार व नेपाल पुलिस,एसएसबी सभी अलर्ट हैं।नेपाल से आने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नही दिया जा रहा।केवल होस्पिटल व इमरजेंसी के लिए प्रवेश दिया जा रहा है। इधर,सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल व इंडो नेपाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने इस जनता कर्फ्यू को ऐतिहासिक व अभूतपूर्व बताया है।तो,व्यवसायी राजेश अग्रवाल का कहना है कि 15 दिनों के लिए बॉर्डर व बिहार को लॉक डाउन कर देने की जरूरत है।