
रक्सौल।(Vor desk)। रक्सौल में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।इसी क्रम में रक्सौल अनुमंडल अस्पताल में जब जीविका से जुड़े एक कर्मी को मृत घोषित कर दिया गया,तो परिजन बदहवाश हो गए।शुक्रवार की सुबह इस वाक्या के बाद परिजन रोते बिलखते रहे और फिर मृत के जिंदा बचने की आश में खुद ही उसे एक निजी अस्पताल ले गए।परिजन यह कह रहे थे कि अनुमंडल अस्पताल में न हार्ट के डॉक्टर हैं और ना ही ईसीजी मशीन काम करता है।उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि मौत हो गई है,बल्कि,उन्हें आशंका थी कि इलाज की सुविधा न होने से समय जाया किया जा रहा है और इससे मौत हो सकती है।बाद में परिजन उन्हें कंधे पर ले कर भागे और फिर एक ई रिक्शा से उन्हें निजी अस्पताल ले गए।हालाकि,इस क्रम में जीविका के कर्मी मिथलेश कुमार (कम्यूनिटी कॉर्डिनेटर ) सहित अन्य कर्मी भी मौजूद थे और वे इस प्रकरण में असमंजस में दिखे।
क्या है मामला
जीविका के रक्सौल शाखा में कार्यरत एमआईएस डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रदीप कुमार( 25) सुबह अपने दफ्तर में गिर कर बेहोश हो गए।जिससे वहां खलबली मच गई।सूचना के बाद अनुमंडल अस्पताल का एंबुलेंस पहुंचा और उन्हें अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लाया गया।जहां अन्य चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ खुद मौजूद अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने भी जांच की।तदोपरांत उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।उनका कहना था कि दफ्तर में ही मरीज की मौत हो चुकी थी।बावजूद सरकारी विभाग से जुड़े मामले के कारण यहां ला कर जांच की गई।हालाकि,परिजन मौत के बाद सुविधाओं और इलाज की कमी के कारण परिजन गुस्से में थे।
लगातार हो रही हार्ट अटैक से मौत
रक्सौल में हार्ट मरीजों की संख्या बढ़ी है।आए दिन मौत हो रही है।बीते गुरुवार को ही कौड़ीहार निवासी हरनाही स्कूल के एचएम अशोक शर्मा की मौत हार्ट अटैक से हुई थी।वहीं,शुक्रवार रक्सौल के वार्ड 7निवासी राज कुमार राय के पुत्र और जीविका से जुड़े कर्मी प्रदीप कुमार की मौत हो गई।युवाओं में हार्ट अटैक के खतरे बढ़ने के बावजूद बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है।चिकित्सकों के मुताबिक,
तनाव,खान पान,अनियमित जीवन शैली हार्ट अटैक से मौत का कारण बन रहा है।
क्या कहते हैं जीविका के बीपीएम
जीविका के रक्सौल शाखा के बीपीएम विक्रम कुमार ने बताया कि प्रदीप कुमार के हार्ट में प्रॉब्लम थी और वीरगंज के नेशनल मेडिकल कॉलेज में इलाज हुआ था,जहां उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया था।आज वे ड्यूटी पर पहुंचे और 10.20बजे अचेत हो गए ।जिसके बाद अस्पताल को सूचना दी गई।वे जीविका से सीधे नहीं जुड़े थे,बल्कि,एम आई एस डाटा इंट्री ऑपरेटर थे।विभाग को सूचना दे दी गई है।निर्देश पर आगे की कारवाई होगी।
क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने कहा कि मरीज को एम्बुलेंस में रखने से पहले दफ्तर में ही मौत हो चुकी थी।अस्पताल में जांच के क्रम में मृत घोषित कर दिया गया।परिजन अपनी मर्जी से मरीज के शव को निजी अस्पताल ले गए।