
रक्सौल।(Vor desk)। गुरुवार को एक घर में भीषण आगलगी की घटना में तीन मासूम बच्चियों के जिंदा जल जाने की दर्दनाक और दुखद सामने आई है।मामला दरपा थाना क्षेत्र अंतर्गत नरकटिया बाजार के पास पछीयारी टोला की है।गुरुवार को 10.30 बजे सुबह एक घर में खाना बनाने के दौरान भीषण आग लग गई।
इस हादसे में तीन मासूम बच्चियों की जलकर मौत हो गई ।मृत बच्चियों की पहचान मठिया निवासी रामबाबू साह की बेटियों मुस्कान कुमारी (7), पायल कुमारी (5) और संतोषी कुमारी (2) के रूप में हुई है।घटना से घर और आस पास कोहराम मच गया।परिजनो का रो रो कर बुरा हाल है।मृतका की मां ममता देवी बार बार बेहोश हो जा रही है।घटना में बच्चियों के साथ ही घर,आभूषण,कपड़ा लता,पांच गाय और छह बकरी सहित 11मवेशी,अनाज आदि पूरी तरह जल गए ।

जानकारी के अनुसार, लगभग पंद्रह दिन पूर्व रामबाबू साह की पत्नी ममता देवी अपने तीनों बच्चों के साथ अपने सुसराल पश्चिम चंपारण शिकारपुर थाना क्षेत्र के मठिया गांव से यहां मायके आई थीं। हादसे के समय वे अपनी मां मंजू देवी के घर पर ही थीं,जो अपने पति से अलग रहती है।बताया गया कि मृतका की नानी मंजू देवी, जो स्थानीय स्कूल में रसोइया हैं, उस समय घर पर नहीं थीं।घटना के बाद मंजू देवी ने रो रो कर बताया कि का पता रहे कि- ई अनहोनी हमर नतिनी के लिल जाई..!तीनो के एके बेर में भगवान छीन लेहले..।

चूल्हे की चिंगारी से फैली आग हो गई बेकाबू
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय घर में खाना पकाया जा रहा था। इसी दौरान चूल्हे से निकली चिंगारी ने आग पकड़ ली। तेज हवा के कारण आग ने तेजी से पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया।जब तक कि घरवाले कुछ समझ पाते आग विकराल रूप में आ गई और घर के भीतर मौजूद चार बच्चियों में से तीन की मौके पर ही जलकर मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को खबर दी और खुद भी आग बुझाने में लग गए।करीब आधा घंटे में फायर ब्रिगेड टीम पहुंची और ग्रामीणों के प्रयास से आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
आगलगी में ग्रामीण भी हुए जख्मी
आग फैलते ही आस पड़ोस के युवा दौड़े और फैलते आग के बीच झोपड़ी में जा घुसे।इससे पहले कि वो बच्चियों को बचा पाते,छत का करकट गिरने लगा और आग भयंकर रूप में आ गया।संयोग यह रहा कि पेड़ से करकट टकरा गया,इतने में युवा भाग निकलने में सफल रहे।इस दौरान पड़ोसी श्रवण साह भी जख्मी हुए।श्रवण साह के साथ मुन्ना,तबरेज आलम की जान किसी तरह बची,वरना ये भी हादसे के शिकार हो जाते।उन्होंने बताया की मवेशियों के भोजन के लिए रखे भूसा के भंडार ने आग को बेकाबू बना दिया।

मृतका के पिता के आने का इंतजार
तीनो मृतका के पिता राम बाबू साह दिल्ली से नरकटिया बाजार के लिए कुच कर गए हैं।वे दिल्ली में जॉब करते हैं।घटना से काफी मर्माहत हैं और कोस रहे है कि आखिर उनकी पत्नी ममता मायके गई ही क्यों।उन्होंने बताया कि तबियत बिगड़ने पर ममता मायके गई थी।हादसे की सूचना के बाद ससुराल के लिए निकल गए हैं।

पीड़ित परिवार को दी गई सहायता और मुआवजा
पुलिस ने मृत बच्चियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक डॉ शमीम अहमद पहुंच कर मामले की जानकारी ली और पीड़ित परिजनो को सांत्वना दी।इसके साथ ही 10हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी।वहीं,पूर्व मंत्री वीरेंद्र कुशवाहा ने भी पहुंच कर सांत्वना दी।
वहीं,प्रशासनिक टीम भी मौके पर पहुंच गई। छौडादानों के अंचल अधिकारी ऋषभ सिंह यादव मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने राहत एवं सहायता कार्यों की मॉनिटरिंग के साथ ही मृत बच्चियों की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया पूरी कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट किया,जिसके बाद मुआवजा देने की कवायद की गई।