
रक्सौल।(Vor desk)। सोमवार की सुबह की धूप आज सिसवा गांव पर कुछ अलग सी थी। बुझी हुई, उदास। रात की आग ने सब कुछ बदल दिया था। पूजा कुमारी के आंगन में जहां आज गहनों की झिलमिलाहट, हंसी की गूंज और ढोलक की थाप होनी थी, वहां अब राख उड़ रही थी।
छेंका की मिठास जल चुकी थी। वह थालियां, वह सजी हुई चौकी, वो चूड़ियां… और वो 80,000 की रकम, जो मां-बाप ने सालों की बचत से जोड़ी थी — सब कुछ लपटों में समा गया। एक सपना अधूरा रह गया।
एसडीएम शिवांक्षी दीक्षित की सुबह से घटनास्थल पर नजर थी। धूल और धुएं के बीच उन्होंने पीड़ितों की सूचियाँ बनवानी शुरू कर दीं। उनसे इस घटना पर बात करने के दौरान उनका सोच गंभीर था, पर उनकी आवाज़ में संवेदना थी।
उन्होंने कहा, “कि जितनी जल्दी हो सके, सभी को मुआवजा मिलेगी ताकी पूजा की शादी… वो फिर से हो, उसी रौशनी और सम्मान के साथ।”
गांव के लोग चुप थे। आँखों में आँसू थे, पर एक उम्मीद भी थी — कि राख से फिर से कोई घर बनेगा, कोई सपना जलेगा नहीं, सजेगा।
क्या है मामला
रक्सौल प्रखण्ड अंतर्गत सिसवा पंचायत के कोन्ही टोला गांव में बीती रात्रि 3 आग लगने से सिकन्दर यादव,पन्नालाल यादव, रामजीवन राय, सुरेंद्र राय ,बिरेन्द्र राय,राजदेव राय, नरेश राय, समेत कई लोगों का घर और मवेशी जल गए। लाखो की सम्पति नष्ट हो गई और कई लोग जल कर घायल हो गए।
सिकन्दर यादव की लड़की की शादी थी। उसके समान भी जल गए।स्थानीय विधायक प्रमोद सिन्हा ने अपनी ओर से आर्थिक सहायता भी दी।
मौके पर पहुँच कर पीड़ित परिवार को सांत्वना दिया तथा अंचलाधिकारी रक्सौल से बात कर पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता दिलाने सम्बन्धित दिशा-निर्देश दिया।(रिपोर्ट:जेपी )