
कड़ी सुरक्षा के बीच निकली निशान शोभा यात्रा,डोला उठाए मेयर राजेश मान सिंह एवं अन्य
रक्सौल।(Vor desk)।नेपाल का शक्ति पीठ माने जाने वाले वीरगंज स्थित सुप्रसिद्ध गहवा माई मंदिर में वासंतिक नव रात्रा के नवमी पर पूजा अर्चना की भीड़ रही।वहीं,इस चैत्र वासंतिक नव रात्र के नवमी पर रविवार की संध्या भव्य आरती सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ,जिसमे हजारों श्रद्धालु शरीक हुए।वाराणसी से आए कलाकारों ने गंगा आरती सहित अन्य प्रस्तुति दी।राम जानकी से जुड़ी झांकी और कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए,जिस पर श्रद्धालु झूमते रहे।


इससे पहले महा अष्टमी पर शनिवार की शाम को गहवा माई की भव्य निशान सह डोली यात्रा निकाली गई,जिसमें हजारों श्रद्धालु शरीक हुए ।दोपहर में मंदिर के मूल पुजारी राधे श्याम उपाध्याय के द्वारा विशेष पूजा अर्चना के बाद शाम 4बजे से गाजे बाजे ,पुष्प वर्षा और जय माता दी के नारे सहित गहवा माई की जय जयकार के बीच निशान सह डोली यात्रा का आयोजन हुआ।

वीरगंज के माई स्थान स्थित गहवा माई मंदिर से यह यात्रा शुरू हुई,जो रेशम कोठी,रोड नंबर 2,वीरता माई मंदिर,अलखिया मठ, मेन रोड ,महावीर मंदिर ,घंटा घर से गुजरते हुए नगर परिक्रमा के बाद वापस गहवा माई मंदिर परिसर पहुंचा।इसमें वीरगंज के मेयर राजेश मान सिंह,पुजारी राधे श्याम उपाध्याय,माई स्थान मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार साह,गहवा माई रथ यात्रा समिति के अध्यक्ष श्याम पोखरेल, सहित स्थानीय जन प्रतिनिधि,पुलिस प्रशासन के अधिकारी,गण मान्य लोग अगुवाई में थे।डोली यात्रा में रक्सौल समेत सीमा क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।गाजे बाजे, विभिन्न धार्मिक झांकी,नृत्य के साथ निकले इस निशान सह डोली यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।इसमें सैकड़ों की संख्या पुरुष और महिला श्रद्धालुओं ने निशान ले कर यात्रा की। माथे पर जय माता दी की पट्टी बांधे और लाल वस्त्र धारण करने के साथ ही हाथ में जय माता दी और भगवा ध्वज लहराते भक्तजन यात्रा के दौरान झूमते रहे।गहवा माई मंदिर को भी फूलो और झिलमिल रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया संवारा गया है।

बता दे कि इससे पहले जून 2023में जीर्णोद्वार कर बनाए गए आधुनिक मंदिर के 11वें वार्षिकोत्सव पर रथ यात्रा कमेटी का आयोजन हुआ था।इसके बाद यह भव्य डोली यात्रा लगातार दूसरी बार आयोजित हुई है। हर वर्ष शारदीय नव रात्रा में सप्तमी को फूला पाती आयोजित होती है, जिसमे नेपाल सेना माता की डोली को सलामी देती है।