
रक्सौल।(vor desk)।स्थानीय अम्बेडकर चौक पर अम्बेडकर ज्ञान मंच के तत्वावधान में बुधवार को मंच के कोषाध्यक्ष श्रेयांश कुमार उर्फ बिट्टू गुप्ता की अध्यक्षता में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की जयंती मनाया गयी।मौके पर उपस्थित सदस्यों ने बारी बारी संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के तैलीय चित्र पर पुष्पार्चन कर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर बारी बारी से प्रकाश डाला।मौके पर संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा पर भी सदस्यों ने माल्यार्पण किया।इस दौरान मंच के संस्थापक मुनेश राम ने संत गुरू को सामाजिक क्रांति का उद्घोषक करार देते हुए कहा कि गुरु रविदास जी महाराज ने आजीवन जात पात, ऊंच नीच के भेदभाव के खिलाफ अपने अमृत वाणी से समाज को जागृत किया।उन्होंने बेगमपुरा राज की कल्पना की और कहा कि ऐसा चाहूं राज जहां मिले सभन को अन्न, बड़ छोट सम बसे रैदास रहे प्रसन्न,अर्थात उनके बेगमपुरा राज्य समतामूलक हो, कोई छोटा बड़ा नहीं रहे, सबको अन्न वस्त्र मिले।ईश्वरीय भक्ति को उन्होंने आडंबर,अंधविश्वास व पाखंड से परे बताया व कहा कि मन चंगा तो कठौती में गंगा होगी।वही,शहर के प्रखर समाजसेवी नुरुल्लाह खान ने रविदास जी महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के बगिया में एक से बढ़ कर एक महान संत हुए है जिनकी अमृत वाणी समाज को नई दिशा देती है।इसमें संत शिरोमणि गुरु रविदास जी एक प्रखर संत थे,जिन्होंने सदैव आडंबर पर प्रहार करते हुए ईश्वर को अपने मन की शुद्धि में तलाशने का सुझाव दिया और समाज को भाईचारे के साथ भेदभावरहित बनाने के लिए प्रयास किए,जिनकी अमृत वाणी आज भी भारतीय समाज को नई दिशा देती है।वही,वरीय सदस्य चंद्रकिशोर पाल ने जाति पाती से मुक्त समाज की अवधारणा के साथ भेदभावरहित समाज बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया तथा कहा कि जिस समाज के हाथों में समाज को बदलने की ताकत है उस समाज के युवा वर्ग को बरगलाने में व्यवस्था के गुलाम आगे है,जबकि संस्थापक सदस्य दीपक कुमार ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि जरूरत है अभिवंचित वर्ग के लोगों के बीच संत गुरू महापुरुषों के विचारों का प्रसार कर उन्हें मुख्य धारा में शामिल किया जाय,जिससे अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों का कायाकल्प हो सके।इस पावन मौके पर भाग्यनारायण साह,विक्रांत कुमार पासवान,जयकुमार राम,मनोज कुमार पासवान आदि शामिल हुए।