Tuesday, April 8

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम की शुरुवात,एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित ने खुराक खिलाने के साथ किया जागरूक!

रक्सौल।( Vor desk)।रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल में सोमवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ।इस अभियान का उद्घाटन रक्सौल एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित ने किया।इस क्रम में उन्होंने रक्सौल के नवकाटोला निवासी प्रेम शीला देवी को दवा की खुराक खिलाई।इस मौके पर उन्होंने आम लोगों और स्कूली बच्चों से अपील किया कि रोग से बचाव के लिए दवा की खुराक अवश्य लें। उन्होंने बताया कि यह एमडीए कार्यक्रम आज 10 फरवरी से शुरू होकर 25 फरवरी तक चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर( आशा, आंगनवाड़ी व अन्य वालंटियर) द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए टीम घरों का दौरा कर लक्षित समूह को न केवल सिर्फ दवा वितरण करेंगे बल्कि उन्हें अपने सामने दवा खिलाएंगे।इस मौके पर अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान प्रतिदिन छुटे हुए व्यक्तियों को पुन:भ्रमण
कर दवा खिलाई जाएगी। इसमें डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली व एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली व 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। मौके पर स्वास्थ्य प्रबन्धक आशीष कुमार,यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार,बीसीएम सुमित सिन्हा,मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक जय प्रकाश कुमार सहित स्वास्थ्य कर्मी नवल किशोर सिंह,दीपक कुमार, सौरभ मिश्रा आदि उपस्थित थे।

फाइलेरिया से बचाव को ले कर किया गया जागरूक

रक्सौल।अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने अस्पताल परिसर में उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि फाइलेरिया को हाथीपांव रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक दर्दनाक रोग है जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा( पैरों में सूजन) व हाइड्रोसील(अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।

रक्सौल में नाइट ब्लड सर्वे में मिले थे 6 मरीज, विशेष सतर्कता

उपाधीक्षक ने बताया कि रक्सौल में फाइलेरिया रोग नियंत्रण और रोग का पता लगाने के लिए विगत दिसंबर 2024में चलाए गए नाइट ब्लड सर्वे अभियान में हुई 600लोगों की जांच में 6 फाइलेरिया मरीज मिले हैं।रक्सौल प्रखंड के धनगढ़वा पंचायत के सेनवरिया अंतर्गत वार्ड 10और11और भेलाही पंचायत के मुशहवा के वार्ड 2,3,5 में यह नाइट ब्लड सर्वे हुई है।जिसमे 6मरीज मिले हैं।इससे पहले 2023में रक्सौल के गमहरिया में नाइट ब्लड सर्वे में फाइलेरिया के 4मरीज मिले थे।यह शरीर से विकलांग और कुरूप बनाने वाली बिमारी है।दीर्घकालिक विकलांगता के मामले में यह बीमारी दुनिया में दूसरे नंबर पर है।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)।

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