Wednesday, April 16

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत दवा खाने से रक्सौल में तीन दर्जन से ज्यादा बच्चे हुए बीमार, अनुमंडल अस्पताल में इलाज जारी!

रक्सौल।(vor desk)।फाइलेरिया नियंत्रण को ले कर दवा की खुराक लेने से रक्सौल प्रखंड के तीन दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए है।इससे खलबली मच गई।ज्यादातर बच्चे रक्सौल के हरदिया पंचायत के हरदिया गांव के हैं,जिन्हे स्थानीय सरकारी स्कूल में एमडीए प्रोग्राम के तहत फाइलेरिया की दवा खिलाई गई थी।वहीं, पंटोका मध्य विद्यालय में भी दो बच्चे बीमार हुए।मिली जानकारी के मुताबिक,विद्यालय में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत बच्चों को डीसी फोर्ट और अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई थी।अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ने से स्कूल में अफरातफरी मच गई और परिजनों में हड़कंप हो गया।सूचना पर हरदिया के तीन दर्जन बच्चों को अनुमंडल अस्पताल स्थित इमरेजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है,जहां अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर डा अमित जायसवाल के देख रेख में मेडिकल टीम द्वारा इलाज जारी है ।सूचना मिलते ही अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार कैंप कर गए हैं।

वहीं,प्रखंड विकास पदाधिकारी जय प्रकाश ने भी पहुंच कर मामले का जायजा लिया और बच्चों के उचित इलाज का निर्देश दिया।इस दौरान हरदिया पंचायत के सरपंच लक्ष्मण चौरसिया सहित अन्य लोग भी अस्पताल में जमे रहे और अस्पताल प्रबंधन का सहयोग करते दिखे।इस बीच रक्सौल के आशा प्रबंधक सुमित सिन्हा ने बताया कि सूचना मिलते ही मेडिकल टीम मौके पर पहुंची और हरदिया गांव से बीमार बच्चों को अनुमंडल अस्पताल लाई।वहीं,पंटोका मिडिल स्कूल में त्वरित इलाज और देख रेख के बाद बच्चे थोड़ी देर में ठीक हो गए,जिसके बाद घर भेज दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, दोपहर दो से तीन बजे के बीच स्कूल में बच्चों को डीसी फोर्ट और अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। इसके कुछ देर बाद ही कई बच्चों को चक्कर, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। कुछ बच्चे बेहोश होने लगे, जिससे स्कूल प्रशासन और अभिभावकों में हड़कंप मच गया।शाम में बच्चों के बीमार होने की संख्या धीरे धिरे आधा दर्जन से बढ़ कर तीन दर्जन से ज्यादा हो गई।

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. राजीव रंजन कुमार ने बताया कि बच्चों की स्थिति अब नियंत्रण में है और किसी को गंभीर खतरा नहीं है।उन्होंने कहा कि यह पॉजिटिव है,क्योंकि,इससे बच्चे बिमारी से सुरक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि दवा खाने के बाद कुछ बच्चों को हल्की एलर्जी या रिएक्शन हो सकता है,लेकिन सभी बच्चों को समुचित उपचार दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि ऐसी शिकायत प्रदूषित क्षेत्र के इलाके से ज्यादा मिली है।

इधर,सामाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने अपील किया कि बच्चे और अभिभावक पैनिक ना हों और ना दूसरों को पैनिक करें।उन्होंने कहा कि सरिसवा नदी प्रदूषित है और हरदिया गांव नदी तट पर है,जिस कारण प्रदूषित क्षेत्र होने से व्यापक तौर पर बच्चों में समस्या दिखी है।हालाकि,इसमें घबराने की बात नहीं है,क्योंकि,पेट में मौजूद कीड़ा के मरने से बच्चे स्वस्थ्य होंगे।अस्पताल प्रशासन सक्रिय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!