
रक्सौल ।(vor desk)।रक्सौल नगर परिषद की सामान्य बैठक में पहली बार शामिल होने के बाद क्षेत्रीय सांसद डा संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर मुख्य पार्षद पर निशाना साधा,जिससे सूबे स्तर पर चर्चा परिचर्चा शुरू हो गई है।वहीं,दूसरी ओर क्षेत्र में सिसायत गर्मा गई है और इस मसले पर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है।
वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी के सदस्य डा संजय ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर स्टेट्स पोस्ट करते हुए रक्सौल नगर परिषद की मुख्य पार्षद (सभापति)धुरपति देवी द्वारा बुके देते और सोमवार की बोर्ड बैठक की तस्वीरों को साझा किया और लिखा कि -मैंने सभी को कहा कि आप सब चुने हुए वार्ड पार्षद हैं और नगर परिषद की बैठक में पूरी तैयारी के साथ आइये ।माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का 50% महिला आरक्षण बहुत बड़ा कदम है।
परंतु यह भी देखने को मिलता है कि जो अध्यक्षता कर रहा है वह एक शब्द भी नहीं बोल पाता। इस तरह के हालात में कैसे नगर परिषद या कोई भी संस्था अच्छे से चलेगी ?
दोष किसे दिया जाए? उस जनप्रतिनिधि को जिसे कुछ भी पता नहीं है पर वह बैठक में बैठा हुआ है या फिर जनता को जिसने एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया जो एक शब्द कहीं बोल ही नहीं पाता??
लोक सभा में मुख्य सचेतक सह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा संजय जायसवाल ने आगे लिखा कि जनता के सामने यह यक्ष प्रश्न है जिस पर अवश्य विचार करना चाहिए । किसी को सिर्फ इसलिए जनप्रतिनिधि बनाना कि वह फलना का फलना है , यह जनतंत्र का अपमान है!
पेशे से डॉक्टर सांसद डा संजय के पोस्ट पर सोशल मीडिया में एक बार फिर जनप्रतिनिधियों के शिक्षित होने,चुनाव के तरीके और निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की भूमिका और कार्य शैली पर बहस छिड़ गई है।
नगर परिषद के क्रॉपसन के मुद्दे पर लगातार अभियान चलाने वाले नुरुल्लाह खान ने सांसद के पोस्ट को शेयर करते हुए मुख्य पार्षद को कठघरे में खड़ा करते हुए लिखा ज़ब से सुरेश यादव(सभापति पुत्र सह राजद नेता) का नगर परिषद की बैठक मे हस्तक्षेप बंद हुआ है,तबसे माहौल शांतिपूर्ण है।
आज पहली बार सांसद नप की बैठक मे शामिल हुए।उन्होंने बैठक मे सभापति महोदया को मीटिंग को एड्रेस करने और अपनी बात रखने को प्रोत्साहित किया लेकिन सभापति धुरपती देवी प्रोसेडिंग पढ़ने की बात तो छोड़िये एक शब्द बोल नहीं पाई।
बहुत अफ़सोस और शर्म की बात है की जनता ने रक्सौल नगर परिषद की गरिमा को ना सिर्फ धूमिल किया बल्कि एक अति महत्वकांक्षी कुपढ़ के हवाले रक्सौल को कर दिया।
इधर,युवा कांग्रेस (बिहार प्रदेश )के पूर्व महासचिव अखिलेश दयाल ने सतारूढ़ दल के सांसद डा जायसवाल को घेरते हुए सोशल मीडिया पर टिपण्णी किया कि माननीय सांसद और विधायक को अधिकार नही है कि निचली सदन में टिका टिप्पणी करें।लोकतंत्र की खूबसूरती है अशिक्षित जन प्रतिनिधि को साक्षर जनता चुन कर ही सदन में भेजती है।देश की ऊपरी सदन में आप अध्यादेश लाइए कि डिग्री धारक ही चुनाव लडे।इस बार आपके इस प्रश्न का हम सब बेसब्री से इंतजार करेंगे।उन्होंने यह भी सवाल दागा कि रक्सौल के प्रथम नागरिक सभापति से नफरत क्यों?
फिलहाल,पहली बार रक्सौल नगर परिषद की बैठक में शामिल हुए सांसद का पोस्ट आम जनों में भी चर्चा का विषय बन गया है।एक और जहां उनका पोस्ट मुख्य पार्षद को निशाना बनाने वाला था,तो,दूसरी ओर बैठक में उप मुख्य पार्षद(उप सभापति) पुष्पा देवी द्वारा सांसद को अभिंदन पत्र सौंपा जाना भी चर्चे में रहा।बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बात चीत में यह भी कहा कि -‘महिलाए सशक्त रहें।महिलाएं अपनी बात अच्छे से रखे।उसी से यह देश भी चलेगा और उसी से यह नगर परिषद भी चलेगा।’