Monday, April 21

रक्सौल हवाई अड्डे के लिए छोटे विमानों (20 सीटर से कम) के लिए प्राप्त हुए बिड : एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया

रक्सौल।(vor desk)।एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को रक्सौल हवाई अड्डे के लिए उड़ान योजना 5.2 के तहत छोटे विमानों (20 सीटर से कम) के लिए बिड प्राप्त हुए हैं। इसकी जानकारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जेनेरल मैनेजर (ऑपरेशन्स) संजय दुलारे ने पीएमओ के माध्यम से डॉ. (प्रो.) स्वयंभू शलभ को दी है।

बताया है कि सुरक्षा प्रावधानों, अग्निशमन सेवाओं, मौसम संबंधी सेवाओं और हवाई अड्डे के संचालन और प्रबंधन के दायित्व के साथ साथ छोटे विमानों (2बी) के संचालन के लिए रक्सौल हवाई अड्डे के विकास और भविष्य में श्रेणी (3सी) के विस्तार के लिए भूमि की उपलब्धता (निःशुल्क और सभी बाधाओं से मुक्त) के संबंध में बिहार राज्य सरकार से अपनी सहमति और कन्फर्मेशन प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। बिहार सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

श्री दुलारे ने आगे बताया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने, हवाई यात्रा को सुविधाजनक और किफायती बनाने के लिए 21-10-2016 को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) – उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना शुरू की। उड़ान एक मांग-संचालित योजना है जिसमें एयरलाइन ऑपरेटर किसी विशेष मार्ग पर परिचालन की व्यवहार्यता का आकलन करते हैं और समय समय पर योजना के तहत बोली लगाते हैं। एयरलाइनों का चयन पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
आगे बताया है कि उड़ान योजना के प्रावधानों के अनुसार असेवित और अल्पसेवित हवाई अड्डों का पुनरुद्धार और उन्नयन एक वैध बोली द्वारा पहचान और एसएओ (चयनित एयरलाइन ऑपरेटर) के अवार्ड के माध्यम से किया जाएगा।

इस बारे में डॉ. शलभ ने कहा कि आरसीएस उड़ान योजना के तहत पहली बार किसी विमान कंपनी द्वारा रक्सौल के लिए बोली प्रस्तुत की गई है जो अत्यंत स्वागतयोग्य कदम है। बिहार सरकार द्वारा भूमि समेत अन्य प्रावधानों को पूरा करने का कार्य सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। बहुत जल्द एएआई द्वारा एयरपोर्ट के निर्माण व विकास का कार्य आरंभ होगा और रक्सौल समेत भारत नेपाल सीमा क्षेत्र के लोगों का वर्षों पुराना सपना साकार होगा।

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