Tuesday, April 8

चाइनीज ई-सिगरेट तस्करी मामले में रेलवे का बड़ा एक्शन, स्टेशन प्रबंधक और पार्सल इंचार्ज सस्पेंड,और भी अधिकारी-कर्मी आ सकते हैं कारवाई के जद में!

रक्सौल/हाजीपुर।(vor desk)।पूर्व मध्य रेलवे ने रक्सौल में चाइनीज ई-सिगरेट तस्करी मामले में बड़ा एक्शन लिया है। रेलवे ने इस मामले में रक्सौल के स्टेशन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया है।

करवाई की गाज कोचिंग सुपरिटेंडेंट सह पार्सल इंचार्ज मानिकचंद पर गिरी है।इस मामले में स्टेशन प्रबंधक को भी सस्पेंड किया गया है। यह एक्शन रेलवे के वाणिज्य विभाग के तरफ से लिया गया है। अभी इस मामले में कुछ और लोगों पर भी गाज गिरने की संभावना है।जिसमे रेल सुरक्षा से जुड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।

दरअसल, रक्सौल स्टेशन पर सत्याग्रह एक्सप्रेस से करीब 2.63 करोड़ के 6598पीस चाइनीज ई-सिगरेट जब्त की गई थी। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे कॉस्मेटिक समान के नाम पर बुक किया गया था। लेकिन,15 दिसंबर को सीमा शुल्क विभाग की टीम ने रक्सौल रेलवे स्टेशन से चीन निर्मित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की एक बड़ी खेप जब्त कर तस्करों के भारत विरोधी प्रयास को नाकाम कर दिया था।कस्टम की इस छापेमारी को ले कर कस्टम और रेल पुलिस के बीच जम कर विवाद हुआ था।कस्टम टीम को डिटेन किया गया था।इस बरामदगी को ले कर दिन भर चले हाई प्रोफाइल ड्रामा के बीच हाई प्रोफाइल इस मामले में वरीय अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा।इसके बाद कस्टम ने देर शाम बरामदगी की घोषणा की थी।इस विवाद की वजह से सत्याग्रह एक्सप्रेस 7 मिनट लेट खुली थी,जिसको रेलवे ने गंभीरता से लिया है।

अहम जांच का विषय यह बना हुआ है कि रेल पार्सल में विदेशी ई सिगरेट की बुकिंग कैसे हुई?क्या यह खेल पहले से ही चल रहा था और यदि चल रहा था तो इस खेल में कौन कौन शामिल थे?जांच में यह संकेत मिले हैं रेलवे पुलिस प्रशासन,पार्सल,इंचार्ज,स्टेशन मास्टर, की ओर से बिना जांच पड़ताल के पार्सल को स्टेशन पे रख लिया गया।यह ई सिगरेट दिल्ली के लिए बुक थी।पार्सल बुक कराने वाले व्यक्ति की पहचान रक्सौल के तुमड़िया टोला निवासी लक्षमण प्रसाद के रूप में हुई है।वहीं,दिल्ली में प्रदीप कुमार को यह ई सिगरेट डीलिवरी होनी थी।जब्त ई सिगरेट मामले में कस्टम ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस एक्ट में कांड संख्या 14/24दर्ज कर जांच और अग्रतर करवाई की है।छापेमारी के दौरान अवरोध और असहयोग करने वाले तत्व कस्टम के निशाने पर हैं।कस्टम मुख्यालय इस हरकत पर संजीदा है और मामला हाइलेवल होने से सबकी सांसें टंगी हैं।

गौरतलब है कि सीमा शुल्क (निवारण) पटना के आयुक्त डॉ. यशोवर्धन पाठक के निर्देशन में नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्करी राकने के लिए सघन अभियान चलाया गया। इसी अभियान के तहत सीमा शुल्क विभाग को यह बड़ी सफलता हाथ लगी। जब्त की गई सिगरेट की अनुमानित कीमत करीब 2.63 करोड़ रुपये बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह जब्ती देश भर में एक साथ किए गए सबसे बड़े ई-सिगरेट ऑपरेशन में से एक है।

इधर,तस्कर चाईनीज लॉबिंग के इशारे पर बिहार के रास्ते दिल्ली तक नया रूट विकसित करने की कोशिश में जुटे हैं। कस्टम की चौकसी और गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए यह सफलता हाथ लगी है। जिसमे खुलासा हुआ कि युवा वर्ग निशाने पर है और नशा का आदि बनाने की बड़ी योजना पर काम चल रहा है। रक्सौल रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह 8:40 बजे कस्टम टीम ने छापेमारी करते हुए रक्सौल से दिल्ली जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस के ब्रेकवान यानी पार्सल को चेक किया गया। इस दौरान ई सिगरेट की इस तस्करी का खुलासा हो पाया।
इस बीच,विवाद के बाद पार्सल विभाग ने कस्टम के तीन अधिकारियों समेत 7लोगों पर पार्सल वैन की सील तोड़ने के आरोप में जीआरपी रक्सौल को आवेदन दिया है।हालाकि,इस बारे में रेल प्रशासन, पार्सल,जीआरपी,आरपीएफ , कस्टम के कोई भी अधिकारी खुल कर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।इस मामले में आरोप प्रत्यारोप का खेल जारी है।चुकी यह एक गंभीर मामला है कि चाइनीज ई सिगरेट आखिर रेल पार्सल तक कैसे पहुंची?सत्याग्रह ट्रेन के पार्सल वैन में लोड कैसे हो गया?उससे भी बड़ा सवाल है कि बोर्डर पार से ई सिगरेट रक्सौल कैसे आ गया?जबकि,यह चाइनीज ई सिगरेट भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित है।ऐसे में जांच के दायरे से रेल प्रशासन ,आरपीएफ,जीआरपी,कस्टम , एसएसबी,पुलिस सहित सभी सुरक्षा निकाय बरी नही हैं।लेकिन, माना जा रहा है कि सीधे तौर पर जबाबदेह विभाग भी इस करवाई के जद में आ सकते हैं।ऐसा माना जा रहा है कि निलंबन और करवाई की गाज अभी और अधिकारियों- कर्मियों पर गिरेगी।

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