
रक्सौल।(vor desk)। बिहार पुलिस द्वारा 35 हजार के घोषित इनामी बदमाश को पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है।जिला आसूचना इकाई की टीम और थाना की पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर उक्त गिरफ्तारी की है।पूर्वी चंपारण एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
एसपी स्वर्ण प्रभात ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया है कि नशा के खिलाफ जारी अभियान के तहत उक्त गिरफ्तारी हुई है।
थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिन्हा छापेमार टीम का नेतृत्व कर रहे थे।
प्रेस नोट में बताया गया है कि रक्सौल थाना क्षेत्र के इस्लामपुर वार्ड संख्या-8 निवासी गफ्फार मिया का बेटा टिंकू मियां को गिरफ्तार किया गया है,जिस पर 35 हजार का इनाम रखा हुआ था। पुलिस कई दिनों से टिंकू मियां को तलाश कर रही थी। सूचना मिली कि टिंकू मियां को रक्सौल में देखा गया है। तब सूचना के आधार पर छापेमारी कर टिंकू मियां को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस टिंकू को रक्सौल थाना कांड संख्या 405/23(आर्म्स एक्ट),151/24 (ड्रग तस्करी कांड)व दरपा थाना कांड संख्या 05/2024 (हत्या कांड)में तलाश कर रही थी। पहले हत्या कांड के मामले में टिंकू मियां का आपराधिक इतिहास रहा है। हत्या के मामले में रक्सौल थाना कांड 169/16दर्ज किया गया था।
छापेमारी टीम में जिला आसूचना इकाई के प्रभारी मनीष कुमार,इकाई के सब इंस्पेक्टर अनुज कुमार सिंह,विनीत कुमार, एएसआई भानु प्रताप द्विवेदी,परमानंद ठाकुर सहित पुलिस और सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।
सूत्रो के मुताबिक,इन दिनों रक्सौल के वार्ड 7,8,9 से जुड़े अहिरवा टोला का इलाका ड्रग कारोबार का हब बन चला था, जिससे स्थानीय लोग परेशान थे।स्थानीय लोगों के समूह ने रक्सौल थाना,आरपीएफ,जीआरपी को इस बारे में आवेदन दिया था।जिसमे बताया गया था कि कोरेक्स जैसे नशीली दवा ,स्मैक की खुलेआम बिक्री की जा रही है,जिससे बच्चों, युवाओं सहित समाज पर नकरात्मक असर पड़ रहा है,जीना मुहाल है। अहिरवा टोला,इस्लामपुर,गांधी नगर में रेल लाइन,पुल के इर्द गिर्द नशा कारोबार के साथ ही नशा करने वालों की तायदाद बढ़ रही है।अनहोनी की आशंका बनी हुई है।इस मामले पाए एक शिष्ट मंडल एसपी से मिल कर इस बारे में जानकारी दी और त्राहि माम की गुहार लगाते हुए एक्शन का अनुरोध किया।उपरांत,त्वरित कारवाई हुई। एसपी के निर्देश पर जिला आसूचना इकाई की टीम रक्सौल में आ धमकी और टिंकू मिया को दबोच लिया।इस करवाई से ड्रग कारोबारियों और तस्करो में खल बली है और अधिकांश भूमिगत हो गए हैं।