
रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल में शिक्षको से घुसखोरी सहित कई अनियमितता के जांच के बाद शिक्षा विभाग(प्राथमिक शिक्षा) के निदेशक ने रक्सौल के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रंजना कुमारी को निलंबित कर दिया है।
वहीं, विभाग के उप निदेशक के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने अग्रतर करवाई करते हुए दैनिक कार्यों के निपटान के लिए प्रियदर्शी सौरभ को प्राधिकृत किया है।
श्री सौरभ ,समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी हैं। वे अपने विभागीय कार्य के आलावें इस प्रभार को देखेंगे।
इसको ले कर शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना)ने निलंबित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रंजना कुमारी को निर्देशित किया है कि वे प्रियदर्शी सौरभ को संपूर्ण विभागीय प्रभार हस्तगत कराना सुनिश्चित करें।
विभाग द्वारा जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि निलंबन मुक्ति अथवा अन्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पदस्थापना के पश्चात यह आदेश स्वत: समाप्त हो जाएगा।
दरअसल,यह पूरा मामला 19अक्तूबर2024 के प्रकरण से जुड़ा है, जिसमे बिहार में गुरु जी से अवैध वसूली का मामला सामने आया था। रक्सौल प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में खुलेआम प्रति शिक्षक दो दो सौ रुपए वसूली हो रही थी।जब इस अवैध वसूली की विडियो वायरल हुई तो शिक्षा महकमा को अपनी करतूत छुपाना मुश्किल हो गया। अंतत:,शिक्षा विभाग को करवाई करनी पड़ी है।मामले में रक्सौल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।वहीं,प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर भी गाज गिरी है।यह अवैध वसूली प्रखंड शिक्षा विभाग के अधीन संचालित बीआरसी कार्यालय में चल रही थी।जाहिर है कि बिना मिली भगत और उच्च पदाधिकारी के वरद हस्त के बिना घूसखोरी कदापि संभव नहीं होता।इस वाक्या से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार ,कुव्यवस्था और शोषण,दोहन सामने आया और हर ओर किरकिरी शुरू हो गई ।
यह अवैध वसूली सक्षमता प्रमाण पत्र देने के लिए मांगी जा रही थी।घुस में पैसे के संबंध में विडियो वायरल प्रकरण को ले कर पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा संयुक्त रूप से प्रखंड संसाधन केंद्र (बी आर सी) रक्सौल की जांच की गई थी ,जिसमे पूर्व लेखापाल हाकीम कुमार साह इस मामले में दोषी पाए गए। बताया गया कि हाकीम कुमार साह (पूर्व लेखपाल) का अगस्त 2024 में ही सेवा समाप्त कर दी गई थी फिर भी वे बीआरसी पर आते जाते थे।
स्थानीय थाने में हाकीम कुमार साह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी खुद गवाह बने हैं। जांच में आरोपों की पुष्टि और अनियमितता के सामने आने के बाद बीआरसी कार्यालय के कर्मियों का सामुहिक तबादला किया गया,वहीं, प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी रंजना कुमारी के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर दिया और इस संबंध में निलंबन की अनुशंसा निदेशक, प्राथमिक शिक्षा,बिहार, पटना को भेज दी थी ।सूत्रों ने बताया कि रसूख वाली रंजना कुमारी इसके बाद भी बेखौफ थी और मनमानी में जुटी थी।अब निलंबन के बाद चर्चा और अटकलों का बाजार गर्म है।