Tuesday, April 8

रिपुराज एग्रो मिल में इनकम टैक्स की छापेमारी जारी,जांच में सामने आया आईटी रिटर्न और निवेश में करोड़ों का अंतर,भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान भी बरामद होने की सूचना

पटना/रक्सौल।(vor desk)।बहुत दिनों के बाद आयकर की टीम छापेमारी के लिए सीमावर्ती रक्सौल पहुंची है और उन्होंने अपनी कार्य शैली एवं रणनीति में बदलाव करते हुए दिन के समय छापेमारी की। आयकर विभाग की पटना जांच निदेशालय ने रक्सौल में चावल मिलिंग और नेपाल, बांग्लादेश और सऊदी अरब को मिल्ड नॉन-बासमती चावल के निर्यात में लगे रिपुराज समूह पर तलाशी और सर्वेक्षण की कार्रवाई की है। रिपुराज ग्रुप का नेतृत्व रामेश्वर प्रसाद गुप्ता और उनके दो बेटे रिपु रमन और रिषु रमन करते हैं, जिन्होंने मेसर्स रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिहार के रक्सौल में गैर-बासमती चावल पर चावल मिलिंग उद्योग में खुद को प्रमुख उद्योगपति के रूप में स्थापित किया है। कंपनी को वित्तीय वर्ष 2010-11 में शुरू किया गया था। कम्पनी की पहली चावल मिल ने 12 जून 2012 को परिचालन शुरू किया था। 2018 में दूसरी मिल और 2023 में तीसरी मिल के साथ कारोबार का विस्तार हुआ। थोड़े समय में, ‘रिपुराज’ चावल उद्योग में एक प्रतिष्ठित ब्रांड बन गया है, जिसकी आपूर्ति बिहार के अलावा भारत के अन्य राज्यों और भारत के बाहर भी फैल गई है। रामेश्वर गुप्ता परिवार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक और प्रमुख कंपनी मेसर्स डिग्गा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड भी शुरू की। इन दो कंपनियों के अलावा, मेसर्स एम.आर. फूड्स, मेसर्स राधिका एंटरप्राइजेज और मेसर्स त्रिकाल ब्रदर्स गुप्ता परिवार के पारिवारिक सदस्यों के नाम पर उनके स्वामित्व वाली कंपनियां हैं। समूह का कुल कारोबार लगभग ₹1100 करोड़ है।

आज शुक्रवार यानी 6 दिसंबर 2024 को आयकर के पटना जांच निदेशालय ने रक्सौल, मोतिहारी, पटना और दिल्ली में इस समूह के 15 से अधिक परिसरों में तलाशी और सर्वेक्षण अभियान चलाया है। बिहार और झारखंड के 150 से अधिक आयकर अधिकारियों और 70 एसएसबी/केंद्रीय अर्धसैनिक बल के अधिकारियों ने दोपहर में उनके परिसरों पर छापा मारा।

सूत्रों से पता चला है कि समूह काफी समय से उनके रडार पर था और आयकर विभाग ने उनकी हरकतों पर भी कड़ी नज़र रखी थी, साथ ही नेपाल सीमा के ज़रिए उनके चावल के निर्यात पर भी नज़र रखी थी। हमारे सूत्रों से मिली प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि आयकर विभाग ने पहले ही भूमि में उनके निवेश का विश्लेषण किया है और पाया है कि उनके आयकर रिटर्न उन निवेशों से मेल नहीं खा रहे हैं जो करोड़ों में हैं।

आयकर विभाग की टीमें अपनी साइबर फोरेंसिक टीम और मूल्यांकनकर्ताओं के साथ मिलकर निदेशकों और उनकी बिक्री टीम के अन्य कर्मचारियों के कंप्यूटर, मोबाइल और ईमेल की जांच कर रही हैं। बताया जा रहा है कि वहां भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान मिले है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!