*कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने किया कॉलेज के अवंतिका नामक स्मारिका और प्रो डा हरिंद्र हिमकर की पुस्तक कुछ धूप कुछ सिहरन का विमोचन एवं नवनिर्मित परीक्षा भवन का उद्घाटन
*कॉलेज के संस्थापक स्वर्गीय ज्वाला प्रसाद और भूमि दाता रामेश्वर मस्करा की प्रतिमा पर अर्पित किया श्रद्धा सुमन
रक्सौल (पूर्वी चंपारण)।(vor desk)।रक्सौल स्थित खेमचंद ताराचंद महाविद्यालय (केसीटिसी कॉलेज)में उसकी स्थापना के पचास वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के परिसर में नए भवन का उद्घाटन भी संपन्न हुआ। इस भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, पूर्व छात्रों, शिक्षकगण, और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। समारोह का शुभारंभ महाविद्यालय के मुख्य प्रांगण में डा भीम राव अंबेडकर बिहार विश्व विद्यालय ,मुजफ्फरपुर के कुलपति दिनेश चंद्र राय के नेतृत्व में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग पटना के सदस्य डॉ प्रोफेसर अनिल कुमार सिन्हा, विश्व विद्यालय के कुलानुशासक प्रो बीएस राय,सीनेट सदस्य प्रमोद कुमार ,कॉमर्स के डीन प्रो प्रेमानंद,रसायन शास्त्र के अरुण कुमार एम एस कॉलेज,मोतिहारी के प्राचार्य मृगेंद्र कुमार, एम जे के कॉलेज ,बेतिया के प्राचार्य आर के चौधरी,नरकटियागंज कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुरेंद्र राय और प्राचार्य अनीता सिन्हा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सामूहिक दीप प्रज्वलन से हुआ।महा विद्यालय की छात्राओं के स्वागत गान के साथ ही आगत अतिथियों को माला, दोशाला ओढ़ा कर किया गया।कुलपति को उनकी छवि युक्त प्रोट्रेट( तस्वीर )भेंट दी गई।
इस मौके पर अपने भाषण में कुलपति दिनेश चंद्र राय ने महाविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए संकल्प जताते हुए कहा कि वे इसके बेहतरी के लिए हर संभव पहल और प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो अनीता सिन्हा, डॉ हरेंद्र सिंह हिमकर और प्रो चंद्रमा सिंह को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि देश के अंतिम छोर पर स्थित इस कॉलेज को स्थापित करने में जो फूल लगाया गया था वह बट वृक्ष के रूप में इस धरती की शोभा बढ़ा रही है। उन्होंने शिक्षकों को कॉलेज में अपना ईमानदारी से बच्चों के प्रति अपना धर्म निभाने की सलाह दी।इसके साथ ही उन्होंने फंड की कमी के बीच सरकारी सहायता पर निर्भर रहने के बजाय पूर्ववर्ती छात्र शिक्षक से जुड़ा ‘एलोनाइज एसोशियेशन’ बना कर कॉलेज के विकास पर जोर देते हुए कहा कि इस विद्यालय के प्राध्यापकगण स्वयं योगदान देते हुए खुद से इसकी पहल करें।
वही मंच पर उपस्थित रक्सौल के एसडीम शिवाक्षी दीक्षित ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमें कॉलेज और स्कूली बच्चों को संबोधन और उन्हें प्रोत्साहित करने का मौका मिला है। इसके लिए उन्होंने कालेज के सभी प्रोफेसर सभी शिक्षक लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि देश समाज और व्यक्तित्व गढ़ने में शिक्षको के योगदान को भुलाया नही जा सकता।उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा के लिए अनेकों कार्यक्रम चला रही है,आर्थिक दिक्कतों से किसी की पढ़ाई बंद नहीं हो सकती।एसडीएम सुश्री शिवाक्षी दीक्षित ने विद्यार्थियों की भीड़ में छात्राओं की ज्यादा संख्या को देखकर काफी उत्साहित हुईं और प्रेरित किया कि टीचर मेंटर की इज्जत करें। उन्होंने सभी से बच्चों की शिक्षा में सहयोग करने की अपील भी की और उनका हौसला भी बढ़ाया। एसडीएम ने अपने अनुमंडल कार्यालय में बच्चों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे अपनी किसी भी समस्या को लेकर उनसे बेझिझक संपर्क कर सकते हैं और हर संभव मदद प्राप्त कर सकते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनीता सिन्हा ने अपने उद्घाटन भाषण में महाविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख किया और भविष्य की योजनाओं का खाका पेश करते हुए कॉलेज में विभिन्न विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की मांग की।उन्होंने 16शिक्षक और10कमरों के बूते 6हजार विद्यार्थियों के अध्ययन अध्यापन में सुविधा संसाधन की कमी गिनाते हुए कहा “यह महाविद्यालय सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक उत्थान का माध्यम भी है, और नया भवन इसी दिशा में एक और कदम है। मैं इस कॉलेज के विकास के लिए विशेष पहल का अनुरोध करती हूं।” इस कार्यक्रम में प्रो डॉ अनिल सिन्हा ने कुलपति दिनेश चंद्र राय की प्रशंसा करते हुए कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी से आए कुलपति महोदय का इस क्षेत्र में आना शहर के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय के नेतृत्व में केसीटीसी कॉलेज के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी और कॉलेज की प्रगति के लिए उनके मार्गदर्शन में एक नई दिशा मिलेगी। प्रोफेसर सिन्हा ने कॉलेज के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ जा सके। इसके बाद महाविद्यालय के नए भवन का उद्घाटन किया गया, जिसमें आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। इस नए भवन से विद्यार्थियों को अधिक संसाधन और बेहतर सुविधा का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर को और खास बनाने के लिए महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गान’आप आए चमन में वसंत आया.. हम सभी गा उठे स्वागतम,स्वागतम…’ में भारतीय संस्कृति की झलक थी, साथ ही मंच से सामाजिक मुद्दों पर संदेश दिया गया।
इस अवसर पर पुराने शिक्षकों का सम्मान भी बढ़ाया गया। समारोह के दौरान महाविद्यालय के पुराने और सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। सभी शिक्षकों को पुष्पगुच्छ और शाल भेंट कर उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया। पूर्व प्रोफेसर चंद्रमा सिंह जो महाविद्यालय की शुरुआत से जुड़े रहे हैं, उन्होने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “यह महाविद्यालय मेरे लिए दूसरा घर है और यहां बिताए गए समय को मैं हमेशा याद रखूंगा।उन्होंने 1971में स्थापित कॉलेज के स्थापना में प्रथम प्राचार्य सह सचिव ज्वाला प्रसाद श्रीवास्तव के साथ ही लाल परेखा मिश्र और भूमि भवन दाताओं,शिक्षको के योगदान को शिद्दत से याद किया ।उन्होंने समापन में धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही छात्रों को मेहनत और समर्पण के साथ अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा दी।
इस मौके पर प्रो डा द्वारिका प्रसाद सिंह, सुरेंद्र केशरी,विनोद अग्रवाल,विजय पांडे,राजीव पांडे, नारायणी झा,राज किशोर सिंह,हजारी प्रसाद,जीछु पासवान, अनामिका,नेपाल से आए गोपाल अश्क, नगर परिषद के स्टैंडिंग कमेटी सदस्य सोनू गुप्ता,पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश साह ,भाजपा नेता गुड्डू सिंह, मनीष दुबे, कमलेश कुमार, प्रो पंकज श्रीवास्तव,जय प्रकाश यादव,आसमान यादव,डा गौतम कुमार,स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह,प्रभात चंद्र सिंह,सुधन यादव ,विद्यार्थी परिषद के अंकित कुमार,युवा सहयोग दल के संतोष छात्रवंशी,सहीत शहर के कईं प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।
महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह ने सभी को प्रेरणा और गर्व का अनुभव कराया और यह संभावना जताई गई कि महाविद्यालय की शिक्षा यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।(रिपोर्ट/फोटो:पीके गुप्ता/जय प्रकाश)