- भारत नेपाल सीमा, बस, रेलवे स्टेशन पर विशेष चौकसी बरतते हुए पिलाई जा रहीं है दवा: – डॉ शरत चंद्र शर्मा
- अधिकारी कर रहें मॉनिटरिंग
मोतिहारी/रक्सौल। (Vor desk)।
पर्व त्यौहार के दौरान जिले में आने वाले एवं जाने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो जैसे गंभीर रोग से बचाव को लेकर पोलियो की खुराक पिलाने हेतु विशेष अभियान मोतिहारी, रक्सौल के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों, अन्य स्थानों पर चलाया जा रहा है।इस सम्बन्ध में जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया की 1 सितम्बर 2024 को राज्य ने पोलियो मुक्त के 15 वर्ष पूरे कर लिये हैं, परन्तु कुछ देशों जैसे अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में अभी भी पोलियों का संक्रमण जारी है। ऐसी परिस्थिति में जिले में नेपाल जैसे पड़ोसी देश से त्यौहार के दौरान आने वाले बच्चों से पोलियो का खतरा बना हुआ है।उन्होंने बताया की जिले में 83 ट्रांजिट प्वाईंट, 24 रेलवे स्टेशन, 46 बस स्टैंड, 19 छठ घाट, कुल 770 टीम, 7 सुपरवाइजर लगाए गए है।ताकि छठ पर्व के दौरान जिले में बाहर से आने वाले परिवारों का आवागमन होता है, जिससे पोलियो वायरस के आने की संभावना रहती है। अतः जिले को पालियो मुक्त बनाये रखने हेतु दीपावली एवं छठ पर्व के दौरान सतर्कता बरतते हुए 0-5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है।रक्सौल अनुमण्डलीय अस्पताल के उपाधिक्षक डॉ राजीव रंजन ने बताया की भारत – नेपाल अंतराष्ट्रीय बॉडर सीमा क्षेत्र के मेन गेट, कस्टम, नहर चौक, बस स्टैंड, में 14 ट्रांजिट टीम द्वारा पोलियो से बचाव हेतु स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा 2 बून्द दवा पिलाई जा रहीं है। उन्होंने बताया की जिला स्तर से भी जाँच दल बनाकर कार्य स्थल की मॉनिटरिंग की जा रहीं है।उन्होंने बताया की छठ पर्व के दौरान महत्वपूर्ण घाटों पर दिनांक 07 एवं 08 नवम्बर को बच्चों को प्रतिरक्षित करना है।
पोलियो एक गंभीर बीमारी है जो दिव्यांगता का कारण बनती है– डॉ राजीव अनुमण्डलीय अस्पताल के उपाधीक्षक – डॉ राजीव रंजन ने बताया की पोलियो एक गंभीर बीमारी है जो बहुत से बच्चों की मृत्यु एवं दिव्यांगता का कारण बनती है जिसमें शरीर में अचानक शिथिलता, लुजपुंज एवं लकवा होता है हालांकि पोलियो के प्रकरण 2011 से भारत देश में नहीं मिले है बावजूद पड़ोसी देशों यथा पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देशों में इसके प्रकरण मिल रहे है जिनकी संख्या पूर्व से बढ़ी है। सीमावर्ती देशों में हो रहे इन प्रकरणों से भारत देश में इसके प्रसार की आशंका है इस स्थिति में विद्यमान चुनौती को देखते हुए नियमित टीकाकरण में जन्म के तुरंत बाद 24 घण्टे में ओरल पोलियो की खुराक के साथ शिशु के प्रथम वर्ष 05 खुराक एवं नियमित पल्स पोलियों अभियान में 05 वर्ष की आयु तक पोलियो की खुराके 10 या 10 से अधिक दी जाती है प्रमाणित है कि जिन बच्चों ने 10 से अधिक पोलियो खुराके प्राप्त की हो वे पूर्णतः इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रहे।मौके पर यूनिसेफ़ के एसएमओ धर्मेंद्र कुमार,बीएमसी अनिल कुमार,उपाधीक्षक – डॉ राजीव रंजन व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थें।