रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल में सरकारी नियमो का उल्लंघन कोई नई बात नही है।चाहे होटल हो,मिठाई दुकान हो,या ठेला खोमचा की बात हो।सरकार ने इनकी जांच और मानक अनुपालन के लिए विभाग बना रखे हैं।लेकिन,विभागीय अधिकारियों को खानापूर्ति से फुरसत नहीं होती,करवाई भी यदा कदा ही हो पाती है।
दीपावली छठ जैसे पर्व के मौके पर जिला प्रशासन ने अभियान शुरू किया है। रक्सौल एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित ने जब टीम के साथ छापेमारी की तो कई अनियमितता मिली,जो ढंग करने वाली थी और सेहत के लिए खतरनाक भी।
नगर परिषद क्षेत्र में सोमवार को अचानक मिठाई दुकानों,मिठाई कारखानों के साथ पटाखों की दुकानों की जांच की गई।पटाखा की दुकान मुख्य पथ पर बेधड़क सजी थी।जबकि,यह भीड़ भाड़ वाला इलाका है,जहां कभी भी हादसा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
इसी तरह जब मिठाई कारखानों की जांच की गई।एक पर एक चौकाने वाली तस्वीर थी,जिससे पता लगता है कि बड़े और नामी होटल,रेस्टुरेंट और उनके कारखाने में किस कदर लापरवाही हो रही है।
बताते हैं कि एसडीओ ने इस तरह के वाक्यों को काफी गंभीरता से लिया और कई प्रतिष्ठान संचालकों को फटकार भी लगाई।वहीं,उनके निर्देश पर कुल 4 मिठाई के कारखानों से सैंपल लेकर फूड इंस्पेक्टर को गुणवत्ता जांच हेतु भेजे गए।उन्होंने निर्देशित किया कि सभी दुकानों को काउंटर पर तथा मिठाई भंडारण के क्रम में हर हाल में साफ सफाई बनाए रखने है।कारखानों में सफाई की स्थिति असंतोषजनक पाई गई,जिस पर साफ सफाई बनाए रखने का निर्देश दिया गया।वहीं, घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग मिठाई कारखानों में नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई।इसी तरह पटाखों की अस्थाई दुकान लगाने हेतु आदेश जारी किया गया। एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित ने कहा कि पटाखों का भंडारण व बिक्री रक्सौल अनुमंडल अंतर्गत किसी भी पेट्रोल पंप, थाना, अस्पताल तथा इंडियन ऑयल डिपो के निकट नहीं किया जाना है।
इस दौरान मजे की बात यह रही कि अधिकांश पटाखा कारोबारियों के पास लाइसेंस नहीं है,बावजूद,अग्निशमन कार्यालय ने सभी को फायर ईकयूपमेंट की सख्ती की है। यह कैसे हुआ समझ से परे है।यह खुद में जांच का विषय भी।इसी तरह सवालों के घेरे में फूड क्वालिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट भी है।