Friday, November 22

आफत की बारिश से नेपाल में कम से कम 112लोगों की मौत,सीमा क्षेत्र में तबाही, बाढ़ संकट गहराने की आशंका

रक्सौल।(vor desk)।।नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्रों में हो रही अविरल और अनवरत वारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त होने के साथ ही स्थिति विकट हो गई है।वारिश,बाढ़, पहाड़ गिरने सहित अन्य त्रासदी में नेपाल में शनिवार की रात्रि तक कम से कम 112लोगों की मौत हो गई है।वहीं,68 लोगों के लापता और100से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।इसमें केवल काठमांडू में 37लोगों की मौत हुई है।नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रवक्ता सह डी आई जी कुमार न्योपारने के मुताबिक,2हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाया गया है।आधिकारिक तौर पर दो सौ से ज्यादा घरों को क्षति पहुंची है ।राजधानी काठमांडू समेत परसा,बारा,रौतहट सहित सीमावर्ती क्षेत्र तक जल प्लावित हो गई है।वीरगंज काठमांडू को जोड़ने वाले त्रिभुवन राज मार्ग सहित नेपाल के विभिन्न प्रदेशों और जिलो से जुड़े 64 से ज्यादा राज मार्ग और सड़क अवरुद्ध हो गई है।देश में शनिवार और रविवार को अधिकांश उड़ाने खराब मौसम को देखते हुए रोक दिया गया था,जो रविवार से आंशिक रूप से शुरू हुई है ।नेपाल के मौसम विभाग ने वारिश को ले कर देश के77 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर रखा है।हालाकि,ताजा खबर है की रविवार से तीन दिन तक भारी बारिश नही होगी।रविवार को भी नेपाल के कई पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश हो रही है। किंतु,पहले से राहत है। बाढ़ के खतरे में वाले नदी तटीय क्षेत्र में सायरन बजा कर और माईकिंग कर लोगों को आगाह और सतर्क किया जा रहा है।सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर रात्रि में यात्री बस अथवा वाहन नही चलाने का आग्रह किया गया है।इस बीच,नारायण गढ़ मुगलिंग सड़क खंड में पहाड़ गिरने और बाढ़ त्रासदी के बीच उक्त मार्ग पर सैकड़ो की संख्या में वाहन स्थिति सामान्य होने की प्रतीक्षा में दोनो ओर फंसे हुए हैं।इसमें बड़ी संख्या में काठमांडू सहित अन्य शहरों में आवाजाही करने वाले भारतीय नागरिकों के भी शामिल होने की सूचना है।

त्रासदी के बीच त्रिशूली नदी में आए भयंकर बाढ़ में गोरखा के गंडकी अंतर्गत बुटार और चितवन के इच्छा कामना के चूम खोला इलाके में बन रहे 100मेगा वाट क्षमता वाले सुपर त्रिशूली हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का टीपर और एकसाभेटर नदी में बह गया है।अन्य उपकरण भी खतरे में है।अनेकों पुल बह गए हैं।

वहीं,रक्सौल बॉर्डर से करीब 100 किलो मीटर की दूरी पर अवस्थित इंद्र सरोवर गांव पालिका अंतर्गत कुलेखानी डैम के दो फाटक को शनिवार की सुबह5.40बजे खोल दिया गया गया था। जलाशय में जल भराव का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचने पर कुलेखानी जल विद्युत केंद्र द्वारा दोनो फाटक को डैम की सुरक्षा के दृष्टि से खोलना पड़ा।मकवानपुर के प्रमुख सहायक जिलाधिकारी लोक मान श्रेष्ठ ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अब तक के सबसे व्यापक प्रतिकूल स्थिति को देखते हुए तटीय क्षेत्र उच्च सतर्कता अपनाने की जरूरत है।हालाकि,रविवार को उन्होंने बताया कि खोले गए दोनो फाटक को बंद कर दिया गया है।स्थिति पर नजर रखा जा रहा है।इधर,शनिवार को फाटक खोले जाने से सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो गई है।रौतहट और सर्लाही जिले प्रभावित रहे और अब इसका असर सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण जिले में दिख रहा है।अधवारा समूह की बागमती और उसकी सहायक नदियां रौद्र रूप में आ गई है।वहीं,फाटक खुलने से मकवानपुर जिले के इंद्र सरोवर गांव पालिका के सिसनेरी में 30घर के बहने की सूचना है।वहीं,सिसनेरी स्थित वत्सला देवी माध्यमिक विद्यालय के लापता हुए छह खिलाड़ियों का शव बरामद किया गया है।वे इंद्र सरोवर गांव पालिका में यूथ14 प्रतियोगिता की तैयारी के लिए पहुंचे थे। वहां नेपाल फूट बॉल संघ के करीब 40खिलाड़ियों का जमावड़ा हुआ था,इसी बीच हादसा हुआ। वहीं,काठमांडू जा रहे वीरगंज के चार छात्र सहित दर्जनों लोग सिसनेरी में 24 घंटे से ज्यादा समय से भूखे प्यासे फंसे हुए हैं।जिनके रेस्क्यू की पहल अब तक नही हो सकी है।उनके वाहन के आगे पहाड़ टूट कर गिरने से मुसीबत में हैं।चितवन के देवघाट और वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज से भी भारी मात्रा में पानी नि:सरण से चंपारण क्षेत्र में बाढ़ खतरा बढ़ा है। कोसी बैराज के56साल बाद 56फाटक खोले जाने के बाद उतर बिहार पर बड़ा खतरा कायम है।

इधर,परसा जिला में भी बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है।वीरगंज के रामगढवा, रानीघाट, श्रीपुर, मुर्ली, पानीटंकी, नगवा, विर्ता सहित ग्रामीण क्षेत्र जल प्लावित हो चला है।

सरिसवा, तिलावे जैसी नदियां उफान पर है।जिससे रक्सौल के भेलाही,सिसवा,पंटोका आदि सीमावर्ती पंचायत और नगर क्षेत्र का सुंदरपुर,गांधी नगर,इस्लामपुर आदि जैसे निचले इलाके बाढ़ प्रभावित है।

आदापुर और छौड़ादानो के सीमाइ इलाके में भी बाढ़ का प्रकोप है।
नेपाल के जल एवं मौसम पूर्वानुमान शाखा के अधिकारियों के मुताबिक,देश के स्वचालित 269में 101वर्षा मापन केंद्र में 24 घंटे में शनिवार की सुबह तक 24घंटे के बीच 140मिली लीटर वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है ,जो अतिवृष्टि में आता है। शुक्रवार से शनिवार की सुबह तक 24घंटे में काठमांडू में रिकॉर्ड 323 मिली लीटर और वीरगंज एरिया में 130मिली लीटर बारिश हुई है।अधिकारियों के मुताबिक,नेपाल में मौनसूनी वायु कायम रहने के बीच बंगाल की खाड़ी से जल वाष्प युक्त वायु के सक्रिय होने से मौंसून अधिक सक्रिय हो गया है।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)

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