रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल के कौड़ीहार चौक से लगे सैनिक सड़क स्थित विवादित निजी क्लीनिक की जांच के लिए गठित स्वास्थ्य विभाग के जांच टीम के द्वारा 24घंटे के अल्टीमेटम के बाद भी प्रबंधन अब तक ना तो उपस्थित हुआ है और ना ही कोई प्रपत्र प्रस्तुत किया गया है।इस कारण अग्रतर करवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।वहीं, जांच टीम द्वारा बोर्ड पर दिए गए नंबर पर कॉल करने के बाद मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आ रहा है।इस बीच,क्लिनिक भवन से सबूत मिटाने और छेड़ छाड़ करने का वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा परिचर्चा तेज हो गई है।वायरल विडियो में साफ दिख रहा है कि एक मंजिला भवन के ऊपर लगे सिटी हेल्थ केयर के बोर्ड को हटाया जा रहा है।चर्चा है कि बोर्ड हटा कर सबूत मिटाने की कोशिश की जा रही है।बता दे की उक्त क्लीनिक में 27अगस्त को पूर्वी चंपारण के लखौरा चैन पुर निवासी मरीज नवल किशोर बैठा (45)की इलाज के दौरान संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी।मौत के बाद 18 घंटे तक शव क्लीनिक में पड़ा रहा और परिजन घेराव कर बैठे रहे।संचालक , चिकित्सक और अन्य स्टाफ बवाल बढ़ने के बाद भाग खड़े हुए।पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे रही।यहां तक की शव को बरामद कर पोस्टमार्टम भी नही कराया जा सका।अंत में परिजन शव को ले कर चले गए।मरीज कैंसर का रोगी बताया गया।जिसके बाद यह सवाल खड़े हुए कि आखिर इस क्लिनिक में इलाज कैसे हो रहा था और सब जानते हुए पेट का ऑपरेशन कैसे कर दिया गया।मामला तूल पकड़ने के बाद सिविल सर्जन डा विनोद कुमार सिंह के निर्देश पर सीनियर मेडिकल ऑफिसर डा सेराज अहमद और डा अमित कुमार जायसवाल के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित हुई।जांच में एक ही भवन में सीटी हेल्थ केयर और होप क्लीनिक नामक स्वास्थ्य संस्थान संचालित रहने की बात सामने आई।इस बीच होप क्लीनिक की ओर से जांच टीम को शपथ पत्र दे कर दावा किया गया है कि क्लीनिक का संचालन मार्च2024से ही बंद है।दावा किया गया है कि अब उसमे बैठने वाली डा शबनम आसिफ सहित दो डॉक्टर मोतिहारी रहती हैं।मौत और बवाल के बाद अनुमंडल अस्पताल प्रशासन के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत कर सफाई देने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं और उक्त निजी क्लीनिक के संचालक और डॉक्टर दोनो को जांच में रखा गया है।क्योंकि,जांच में उक्त भवन में संचालित दोनो क्लिनिक के बोर्ड और पुर्जा सहित कई सुराग जांच टीम के हाथ लगी है।एक पुर्जा पर तीन डॉक्टर और दूसरे पुर्जा पर दो डॉक्टर का नाम अंकित है।जांच टीम यह चिन्हित करने में जुटी हुई है कि आखिर दोनो क्लीनिक का असली संचालक कौन है ?क्या एक ही व्यक्ति दो नाम से क्लीनिक संचालित कर रहा था?फिलहाल,निजी क्लीनिक सिटी हेल्थ केयर का बोर्ड बिना स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दिए हटाने और सबूत मिटाने, छेड़ छाड़ के प्रयास करने के मामले को जांच टीम ने गंभीरता से लिया है।अस्पताल प्रशासन ने वायरल विडियो को उच्चाधिकारियों को भेज कर दिशा निर्देश मांगा है।पूछने पर अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने बताया कि जांच टीम मामले में हरेक पहलुओं पर जांच में जुटी हुई है।जांच के दायरे में संचालक,डॉक्टर समेत मकान मालिक को भी जांच के दायरे में रखा गया है।,जांच टीम के द्वारा24घंटे के अंदर प्रपत्र के साथ उपस्थित होने के निर्देश के बावजूद संचालक उपस्थित नही हुए हैं।जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रतर करवाई की जायेगी।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)