Saturday, November 23

कैंसर मरीज का रक्सौल के निजी अस्पताल में मौत से बवाल,शव अस्पताल में लॉक डॉक्टर,संचालक, स्वास्थ्य कर्मी गेट पर ताला मार कर फरार!

रक्सौल।(vor desk)। सीमावर्ती क्षेत्र रक्सौल में फर्जी क्लीनिक की बाढ के साथ ही निबंधित- गैर निबंधित अस्पताल,निजी नर्सिंग होम में मेडिकल माफियाओं और झोला छाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों के शोषण का धंधा जोरों पर है।शहर का कौड़ीहार चौक इस मामले में ज्यादा ही बदनाम है और नित नए कारनामे सामने आते रहते हैं।सेवा की जगह कमाई का धंधा करने वाले डॉक्टर मौत के सौदागर बने दिख रहे हैं।इसी बीच एक मरीज की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है।मौत के बाद अस्पताल संचालक और डॉक्टर कथित अस्पताल के गेट पर ताला बंद कर फरार हो गए हैं।एक ओर जहां पुलिस आरोपी संचालक और डॉक्टर को खोज रही है,वहीं,आक्रोशित परिजन उक्त अस्पताल के आगे हंगामा कर रहे हैं।मरीज का शव अस्पताल के अंदर ही हैं।परिजनो का आरोप है कि डॉक्टर से मरीज की गंभीर स्थिति को देख कर रेफर करने को कहा गया,बावजूद उसने ऑपरेशन किया।और मंगलवार देर शाम मौत हो गई।उनका कहना है कि यदि संचालक सह डॉक्टर अस्पताल नही आते और उन पर कड़ी करवाई नही की जाती,तो,अस्पताल में ही शब को जलाया जायेगा।इस बीच मौके पर पहुंची सब इंस्पेक्टर एकता सागर ने समझने बुझाने का प्रयास किया,लेकिन,आक्रोशित परिजनो के साथ लोगों की हुजूम जमी हुई है।अस्पताल के स्ट्रेचर समेत अन्य उपकरण को सड़क पर रख कर प्रदर्शन किया जा रहा है।इस बीच,पुलिस को आवेदन देने की प्रक्रिया जारी बताई गई है, वहीं मेडिकल माफिया इस मामले को रफा दफा करने के लिए परिजनो पर दवाब बना रही है।आरोप है कि पुलिस इसी कारण शव को बरामद कर थाना लाने और अस्पताल को सील करने की जगह हाथ पर हाथ धरे बैठी दिख रही है,जिससे आक्रोश भड़क सकता है।

पूरा मामला रक्सौल के कौड़िहार
सैनिक स्थित सिटी हेल्थ केयर अस्पताल का है।बताया गया है कि इस अस्पताल में रक्सौल अनुमंडल के छौड़ादानों के लखौरा एक मरीज नवल बैठा(40वर्ष) को इलाज के लिए भर्ती कराया गया।पंद्रह दिन पहले उसके पैर का उपचार और प्लास्टर हुआ।उसके बाद उसके पेट में बीमारी (ट्यूमर) होने के नाम पर बुलाया गया। मोटी फीस के रूप में करीब डेढ़ लाख रुपए वसूली की गई।बाद में पेट का ऑपरेशन किया गया।इसी बीच मंगलवार देर शाम मौत हो गई।मौत के बाद हंगामा शुरू हो गया। आक्रोशित परिजन देर रात से ही अस्पताल गेट पर बैठ गए और डॉक्टर इस बीच जान बचा कर भाग खड़े हुए।मजे की बात है कि अस्पताल सह क्लीनिक के आगे ना तो किसी डॉक्टर का बोर्ड लगा है और ना ही निबंधन की सूचना दी गई है।जो मोबाइल नंबर अंकित है,वह भी बंद है।मृतक के रिश्ते में मामा जितेंद्र बैठा ने बताया कि पुलिस अस्पताल प्रबंधन को बचाने में लगी है। हम पैसा नही लिए हैं।इसको ले कर पुलिस से भी तू तू मैं मैं हुआ है।पुलिस इतने बड़े मामले के बाद भी करवाई की जगह तमाशा देख रही है।

सूत्रों का कहना है कि मरीज को कैंसर था,बावजूद,रेफर करने के उसके इलाज के नाम पर ठगी की गई और फिर मौत हो गई। सूत्रों का यह भी कहना है कि यह अस्पताल पहले से ही विवादित रहा है। अस्पताल में लापरवाही से जुड़े कई मामले आ चुके है।बावजूद पकड़ के बूते कोई करवाई नही हुई।
इस अस्पताल के संचालक मुकेश नामक चिकित्सक बताए गए है ।जिन पर आरोप है कि वे दूसरे डॉक्टर के नाम पर इलाज और ऑपरेशन तक करते हैं।इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अन्य स्वास्थ्य कर्मी,झोला छाप डॉक्टर के संग फरार हो गए है।अस्पताल के आगे पुलिस टीम तैनात दिख रही है।सिविल सर्जन डा विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।मौत के मामले में पुलिस प्रशासन को करवाई करनी है।

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