*सदन में हुई वोटिंग में बहुमत खो गई सभापति धुरपती देवी,पक्ष में मिले10और विपक्ष में गिरे13मत
रक्सौल ।(vor desk)। नगर परिषद रक्सौल के मुख्य पार्षद के पत्रांक 98 के तहत 22अगस्त को विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श हेतु नगर परिषद कार्यालय के सभागार में बोर्ड की बैठक आहूत की गई। जिसमें सफाई कार्य व्यवस्था पर विचार विमर्श एवं नगर परिषद के प्रत्येक वार्ड में एक-एक योजनाओं का चयन, बजट प्रकरण वर्ष 2024/ 25 की संपुष्टि हेतु विचारणीय बिंदु तैयार किया गया।
नगर परिषद बोर्ड की सामान्य बैठक की अध्यक्षता सभापति धुरपति देवी ने किया। इस दौरान उपसभापति पुष्पा देवी एवं कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार भी मौजूद रहे। बैठक काफी हंगामे और गहमागहमी के बीच हुई। कई मुद्दे को लेकर नगर परिषद के इस बैठक में पक्ष विपक्ष गुट आमने सामने नजर आया।
जहां एक तरफ पार्षदों का एक गुट बैठक में लाये गये तीन प्रस्ताव पर सकारात्मक चर्चा की मांग किया तो दूसरे गुट के द्वारा पहले कराये गये कार्य में हुए खर्च संपूर्ण का ब्योरा मांगा। पहले इसी बात को लेकर सदन में काफी हो-हल्ला हुआ। इस बीच कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि बोर्ड की बैठक में कोई भी जानकारी तत्काल मांगने पर नहीं दी जा सकती, इसके लिए नगरपालिका एक्ट में एक प्रावधान है, जिसके तहत 48 घंटा पहले मांग की सूचना देना लिखित रूप से आवश्यक होता है, यदि जो मांग आपलोग आज कर रहे है, इसकी जानकारी 48 घंटे पहले दी गई रहती तो बोर्ड की इस बैठक में इससे संबंधित जानकारी दी जाती। वहीं पार्षद सोनू कुमार गुप्ता के द्वारा प्रस्ताव पर चर्चा किया गया। वहीं बैठक में साफ-सफाई को लेकर भी सवाल उठाए गए, जिसमें सफाई जमादारों के द्वारा अपने कत्वर्य का निर्वहन नहीं करने की बात कुछ पार्षदों द्वारा कही गई। पार्षद कुंदन सिंह ने कहा कि मिथिला पेटिंग, होर्डिंग-बोर्डिंग के साथ-साथ आश्रय स्थल में लाखों की लूट हुई है, इसका ब्योरा दिया जाए। गौरतलब है कि बैठक में साफ-सफाई पर चर्चा, प्रत्येक वार्ड से एक-एक योजना का चयन तथा बजट प्राकलन 2024-25 की संपुष्टि के लिए आयोजित की गयी थी, जो काफी हंगामेदार नजर आई।
वहीं उधर एक दिन पूर्व उपसभापति पुष्पा देवी ने अपने समर्थक पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त दो पत्र कार्यपालक पदाधिकारी को दी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि गत 31 जुलाई को बोर्ड की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें गत 16 नवंबर 2023 एवं 13 फरवरी 2024 के को संपन्न सशक्त स्थाई समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों पर समीक्षा करना था, परन्तु सभापति महोदया उसे वॉकआउट करके चली गई, जिस कारण वह पूर्ण नहीं हो सका, जबकि इसे नियमानुकूल रद्द करना चाहिए था या उसे पूर्ण करना चाहिए था, उसके बाद नए मुद्दे पर बैठक बुलानी चाहिए थी, परन्तु ऐसा नहीं किया गया और 22 अगस्त को एक नए बैठक बुलाई गई। इसके लिए उन्होंने 14 पार्षदों समेत ये मांग की है कि उक्त स्थगित बैठक को पूर्ण करने के लिए मतदान कराई जाए।वार्ड पार्षद दीपक कुमार ने हमला बोलते हुए कहा कि बार-बार बजट की बात हो रही है ,जो नए बोतल में पुराने शराब की तरह है।पहले यह स्पष्ट किया जाए कि हम लोग नगर परिषद में है या नगर पंचायत में है ..क्योंकि,प्रारूप पर नगर पंचायत अंकित किया गया है।
विक्षुब्ध पार्षदों ने आरोप किया कि प्रस्ताव स० तीन के तहत बजट के माध्यम से गत सशक्त समिति मे लिए गए प्रस्तावो जो कि भ्रष्टाचार से प्रेरित है उसे पारित कर बहाल हो चुके योजनाओ जैसे बहाली सफाई उपकरण की क्रय आदि को संपुष्ट कराने का मंशाय प्रतित हो रहा है।वहीं एक अन्य पत्र के माध्यम से उन्होंने साफ-सफाई के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियम और मानक से अधिक कार्य बल रखा गया है, साफ-सफाई के नाम पर मोटी रकम की बंदरबांट हो रही है, नियम के अनुसार उपस्कर क्रय के लिए जिला क्रय उपसमिति का गठन होना चाहिए था, परन्तु नगर परिषद कर्मी को शामिल कर खरीदारी कर उगाही की गई है। वहीं उन्होंने साफ-सफाई के साथ डेंगू, मलेरिया महामारी से बचाव हेतु छिड़काव को आवश्यक बताते हुए आरोप लगाया कि इस कार्य का भुगतान एजेंसी को कर गड़बड़ झाला किया जा रहा है, जबकि छिड़काव नगरपरिषद में बहाल ड्राइवर करते हैं। वहीं बताया कि इस सामान्य बैठक में प्रति वॉर्ड एक-एक योजना की मांग की गई है, जबकि गत 13 फरवरी की बैठक में वार्ड संख्या 18 में 7 योजना, वार्ड संख्या 8 में 5 योजना, वार्ड संख्या 19 में 10 योजना एवं वार्ड संख्या 24 में 6 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है, जो गलत है। वहीं वार्ड संख्या 2 में पूर्व से निर्मित सामुदायिक भवन में स्थाई आश्रय स्थल होने की बात कहते हुए बताई है कि जिसमें प्रति माह लाखों का भुगतान की जा रही है, जो जांच का विषय है।इसी तरह वार्ड1में कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के नाम पर हो रहे भुगतान और बरती जा रही अनियमितता के जांच की भी मांग जोर शोर से उठाई गई। इसके साथ ही नहर के किनारे कूड़ादान फेंके होने,खरीदे गए उपकरण के नाकामयाब होने,कर्मियो की नियम के ताक पर रख कर की गई बहाली समेत कई आरोप लगाए गए हैं, तो वहीं वार्ड संख्या 15 के पार्षद रंभा देवी ने लिखित रूप से सदन को अवगत कराया की डे नुलम के माध्यम से भेंडिंग जोन तैयार किया जाए, जिससे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके ।जिसके लिए चिन्हित भूमि के तौर पर होटल बॉर्डर किंग के ठीक सामने वाली जमीन का ब्यौरा दिया गया ।
अंतोगत्वा प्रस्ताव संख्या दो के तहत नगर परिषद के प्रत्येक वार्ड में एक-एक योजनाओं का चयन को लेकर तेरह पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए बहुमत के आधार पर वोटिंग करने की मांग की जिसमें13 पार्षदों द्वारा सभापति महोदया द्वारा लिए गए13 योजनाओं को बहुमत के आधार पर रद्द किया गया।खारिज करने के पक्ष में 13पार्षद थे, जबकि,पक्ष में 10थे।इसका स्वागत करते हुए एक स्वर से विक्षुब्ध गुट के 13 पार्षदों ने कहा कि यह अन्याय और तानाशाही के विरुद्ध लोकतंत्र का विजय हुआ है।
पार्षद मुकेश कुमार ने सभापति महोदया पर तानाशाह का आरोप लगते हुए कहा की 10 महीना के बाद उनको बोर्ड की बैठक याद आई। उनको जनता ने पूरे रक्सौल नगर परिषद में विकास के लिए वोट दिया है न की सिर्फ 5 वार्ड का विकास के लिए।
नगर पार्षद मुकेश कुमार ने बताया की जनता सीधे वार्ड पार्षद से जुड़ी है और वार्ड पार्षद से सवाल करती है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा की आप की तानाशाही नही चलेगी।उप सभापति के पत्र के समर्थन में पार्षद आशा देवी, रंजीत कुमार श्रीवास्तव, ओम कुमार, जितेंद्र दत्ता आशा देवी, सुगंति देवी, सीमा गुप्ता, कुन्दन कुमार, पन्ना देवी, अंतिमा देवी, दीपक कुमार, रंभा देवी, अनुरागिनी देवी एवं मुकेश कुमार शामिल दिखे। वहीं, सभापति के पक्ष के पार्षदों के एक गुट ने आरोप को बेबुनियाद बताया।
मौके पर पार्षद ओम कुमार, रंजीत कुमार श्रीवास्तव, विरेन्द्र प्रसाद, आशा देवी, जितेन्द्र दत्ता, घनश्याम गुप्ता, रवि कुमार गुप्ता, निलाक्षी वर्मा, आशा देवी, मुकेश कुमार, रंभा देवी, डिंपल चौरसिया, रविता देवी ,जितेंद्र दत्ता आदि सहित स्वच्छता पदाधिकारी कन्हैया कुमार यादव, प्रधान सहायक सागर कुमार गुप्ता, नगर मिशन प्रबंधक राकेश रंजन एवं अभियंता राज कुमार राय आदि मौजूद थे।बैठक में उपस्थित वार्ड25की पन्ना देवी तबियत खराब होने से वोटिंग में अनुपस्थित थीं, जबकि वार्ड 18 की पार्षद सुगंधी देवी की वोटिंग काउंट नही हुई,क्योंकि वे बैठक में विलम्ब से पहुंची थी।