वीरगंज।(vor desk)।नेपाल के हेटौडा में ऑनलाइन ठगी करने के आरोप में 9भारतीय युवकों को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमे अधिकांश ठग बिहार व झारखंड के रहने वाले है।दिल्ली और यूपी के भी युवक इसमें शामिल हैं। ये लोग हेटौडा में फ्लैट किराया में लेकर ठगी का व्यापार चलाते थे।
मेडी असिस्ट नाम की कंपनी खोलकर ऑनलाइन मेडिकल परामर्श देने की बात कहते थे। लेकिन मेडिकल परामर्श के बजाय ऑनलाइन ठगी का कारोबार ही इनका मुख्य कार्य था। ऑनलाइन ठग गिरोह का मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठकर गिरोह चला रहा था। तब तक नेपाल पुलिस को इसकी भनक लगी छापेमारी के दौरान सभी राज खुल गए। हेटौडा (मकवानपुर )एसपी सीताराम रिजाल ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि कुछ लड़के फ्लैट किराया में लेकर ठगी का कारोबार कर रहे है।
सूचना पर छापेमारी की गई तो वहां से 9 युवकों को गिरफ्तार किया गया। वहां से छापेमारी के दौरान 13 मोबाइल, 7 लैपटॉप, 3 राउटर, 1 हार्डडिस्क, 1 वेब कैम, मेडी असिस्ट के नाम से बनाय गए 2 पेपर स्टाम्प बरामद किए गए है। पुलिस ने बताया कि इस गैंग का तीन मास्टरमाइंड फरार है। दिल्ली के रहने वाले रविन्द्र कुमार सिंह के नाम पर नेपाल में मेडी असिस्ट नाम की कंपनी रजिस्ट्रेशन कराई गई थी।इसका हेड ऑफिस रांची में है।संचालन दिल्ली से होता था।इस दफ्तर में रात के अंधेरे में ज्यादातर कार्य होता था।
एसपी रिजाल ने बताया कि यहां परामर्श के नाम पर ऑनलाइन जुआ, ऑनलाइन सट्टेबाजी सहित कई प्रकार की ठगी का कारोबार किया जाता था।ये अपना एक खास सॉफ्टवेयर यूज करते थे,जिससे डाटा भारत ट्रांसफर किया जाता था,जो रांची हेड क्वार्टर में ही रहता था।कंपनी में काम करने वालों को 18 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक तनख्वाह दी जाती थी। हालांकि पुलिस को इसके साक्ष्य नही मिले। पुलिस ने ठग गिरोह कंपनी में काम करने वाले पटना के नवनीत कुमार, झारखंड के शाहरूख खान, पटना के कुंदन सिंह, नैनीताल के आशीष, रांची के विशाल, लोकेश कुमार दुबे, विकास कुमार सिंह, अरुण कुमार, कुणाल शर्मा को पकड़ा गया है।