रक्सौल।(vor desk)।वीरगंज महानगर पालिका के नदी को प्रदूषित करने के आरोपी नेपाली फैक्ट्रियों पर ऐसी करवाई की जो ‘बुलडोजर एक्शन ‘से भी कड़ी करवाई साबित हुई ।यह करवाई देश विदेश में चर्चा में आ गई।महानगर पालिका की सफाई प्रकोष्ठ की टीम ने चेतावनी का उलंघन कर नियम विरुद्ध सरिसवा नदी को प्रदूषित करने और पर्यावरण एवं जन जीवन को क्षति पहुंचाने के आरोप में मंगलवार को परवानीपुर स्थित अर्निका प्रोसेसिंग उद्योग प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य गेट पर 16 ट्रैक्टर कूड़ा कचरा डाल दिया।इससे पहले सोमवार को आर्निका प्रोसेसिंग उद्योग प्राइवेट लिमिटेड और श्री सिद्धि टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक दो फैक्ट्रियों के मुख्य गेट पर बीस ट्रैक्टर कूड़ा फेंक कर रास्ता अवरुद्ध करने की करवाई की थी।इसकी शुरुवार सबसे पहले रविवार को वीरगंज महानगर पालिका वार्ड 12स्थित मोरियम लेदर इंडस्ट्रीज, अर्निका प्रोसेसिंग उद्योग प्राइवेट लिमिटेड और श्री सिद्धि टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के गेट के आगे कुल 9ट्रैक्टर कूड़ा डालने की करवाई की गई थी।इस करवाई से फैक्ट्री संचालको और कर्मियों में खलबली मच गई थी।सड़ांध और बदबू से आना जाना मुश्किल हो गया है।त्राहि त्राहि की स्थिति हो गई है।आरजू मिन्नत का दौर शुरू हो गया है।इस बीच मोरियम लेदर इंडस्ट्रीज के संचालक ने नदी में प्रदूषण नही फैलाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।जबकि,सोमवार को निरीक्षण करने पहुंचे महानगर के पर्यावरण निरीक्षक प्रकाश एयर ने पाया कि सिद्धि टेक्सटाइल और आर्निका उद्योग माप दंड का पालन नहीं कर रहे।इस क्रम में जब टीम ने फोटो ग्राफी शुरू की तो एक नगर प्रहरी को नियंत्रण में ले लिया और दो घंटे तक बंधक रखा गया।इसके बाद महानगर पालिका के मेयर राजेश मान सिंह के निर्देश पर दोनो आरोपी फैक्ट्री के मुख्य गेट पर शहर से उठाए गए 10/10ट्रैक्टर कूड़ा कचरा डाल कर अवरुद्ध कर दिया गया।इससे पहले तीनो फैक्ट्रियों के गेट पर रविवार को तीन तीन ट्रैक्टर कूड़ा फेकने की करवाई की गई थी।इस पर भी जब आर्निका प्रोसेसिंग ने नजर अंदाज करने का दुःसाहस किया तो मंगलवार को 16ट्रैक्टर कूड़ा कचरा डाल दिया गया।बढ़ती कारवाई से फैक्ट्री संचालकों ने लोहा मान लिया और एक बैठक कर चिन्हित फैक्ट्रियों के संचालक और प्रतिनिधियों ने प्रतिबद्धता जताई कि नदी को प्रदूषित नही करेंगे।
महानगर पालिका के स्वच्छता प्रकोष्ठ के प्रमुख सरफुद्दीन मियां ने बताया कि नेपाल के बारा जिला के राम वन से निकलने वाली पहाड़ी नदी सरिसवा (श्रीसिया)के प्रदूषण मुक्ति को ले कर रक्सौल और वीरगंज में लगातार आवाज उठ रही है।जिसको देखते हुए वीरगंज महानगर पालिका प्रशासन नदी में रसायन,कूड़ा कचरा डालने के दोषी फैक्ट्री संचालकों के विरुद्ध लगातार करवाई और जुर्माना कर रही है।निरंतर दी जा रही चेतावनी के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।जिसके बाद महानगर पालिका ने कड़े कदम उठाते हुए उक्त कदम उठाया है।उन्होंने बताया कि तीन माह पूर्व 9फैक्ट्री संचालकों ने प्रशासन के साथ बैठक में नदी को प्रदूषित नही करने की प्रतिबद्धता जताई थी। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और प्रदूषण नियंत्रण को ले कर अंतिम तौर पर 15दिन का लिखित समय लिया था ।बावजूद स्थिति में सुधार नहीं होने के बाद बाध्य हो कर करवाई स्वरूप उक्त कदम उठाया गया है।
पहले भी हो चुका है जुर्माना की करवाई
महानगर पालिका प्रशासन ने सरिसवा नदी प्रदूषण मुक्ति अभियान के तहत वीरगंज पथलैया औधोगिक कॉरिडोर के 5 दोषी फैक्ट्रियों के विरुद्ध 3/3लाख का जुर्माना किया।नदी में कचरा डालते पकड़े जाने पर 3ट्रैक्टर संचालक को नियंत्रण में ले कर 1/1हजार रुपए जुर्माना किया गया था।कार्तिक छठ के पूर्व बैठक में प्रदूषण करते पकड़े जाने पर फैक्ट्री सिल करने का निर्णय हुआ।इतना होने के बाद भी चैती छठ पर स्थिति में सुधार नहीं हुआ।छठ व्रती त्राहि त्राहि करते दिखे।मेयर श्री सिंह ने तब कड़ी करवाई का निर्णय लिया।जो अब ‘टिट फॉर टैट ‘के रूप में दिखने लगा है।मेयर राजेश मान सिंह ने कहा कि यह करवाई चेतावनी स्वरूप है।अब नेपाल के प्रचलित कानून के तहत महानगर पालिका कड़ा कदम उठाने को तैयार है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है स्थिति
वीरगंज और रक्सौल की लाइफ लाइन माने जाने वाली सरिसवा नदी तीन दशक से ज्यादा समय से प्रदूषित है।जिसको ले कर रक्सौल और वीरगंज में लगातार आंदोलन होता आ रहा है।नदी के प्रदूषित जल से उत्पन्न कैंसर,लिवर सिरोसिस जैसे घातक रोगों से नदी तट पर रहने वाले सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।जलीय जीव मर चुके हैं।नदी का पानी काली और बदबू दार हो चुकी है,जिससे तट पर बसने वालो का रहना दूभर हो चला है। छठ व्रत और अन्य अनुष्ठान भी प्रभावित हुआ है।इसको ले कर भारतीय दूतावास भी नेपाल सरकार और प्रशासन का कई बार ध्यानाकर्षण करा चुकी है।
प्रदूषण के लिए चार दर्जन फैक्ट्री चिन्हित
वीरगंज प्रशासन द्वारा गठित रितेश त्रिपाठी कमेटी ने स्थलीय जांच के बाद डेढ़ दशक पहले रिपोर्ट में 46 फैक्ट्री को प्रदूषण के लिए दोषी करार देते हुए परसा जिला के जिलाधिकारी नागेंद्र झा को प्रतिवेदन सौप कर इन फैक्ट्रियों पर अविलंब अंकुश लगाने और करवाई की अनुशंसा की थी।इसमें चमड़ा,डिस्टलरी,टेक्सटाइल्स,, वनस्पति घी,साबुन,कागज उत्पादन करने वाली फैक्ट्री शामिल है।वीरगंज के मेयर राजेश मान सिंह ने निर्वाचित होने के बाद इन फैक्ट्रियों के विरुद्ध कड़ा कदम उठाना शुरू किया।(रिपोर्ट: पीके गुप्ता)।