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रक्सौल।(vor desk)।शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है जो कभी अवकाश ग्रहण नहीं करता। उक्त बातें आर्य समाज के हाल में बोलते हुए डॉ.प्रो. डॉक्टर अनिल कुमार सिन्हा ने कहीं। श्री सिन्हा ने इस बात को रेखांकित किया कि शिक्षक समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है और और व्यक्तित्व का विकास करता है। आगे पश्री सिन्हा ने कहा कि आज नैतिकता का ह्रास हो रहा है जो चिंता का विषय है। शिक्षक व्यक्ति निर्माण का केंद्र रहा है और रहेगा। वे भाव विभोर होकर कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि शिक्षा का सम्मान है। शिक्षा सिर्फ डिग्री नहीं देता है, बल्कि समाज का केन्द्र बिन्दु रहता है।
प्रो. सिन्हा ने अपने जीवन की अनेक प्रेरणास्पद घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कष्ट में रहकर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना ही शिक्षक का लक्ष्य होता है।शिक्षा को सादर सम्मान समारोह का आयोजन प्रमुख समाजसेवी गुडडू सिंह और प्रो. मनीष दूबे ने प्रो. सिन्हा के विश्विद्यालीय सेवा से अवकाश ग्रहण करने पर उनके सम्मान में आयोजित किया था। उक्त भव्य एवं अभूतपूर्व सम्मान समारोह की अध्यक्षता गुडडू सिंह ने किया। समारोह का संचालन प्रो. मनीष दूबे ने किया। समारोह को संभावना के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता, हरिनारायण यादव, नारायण प्रसाद, प्रो. राजकिशोर सिंह, प्रो. रामाशंकर प्रसाद, प्रो. किरण बाला, ई. जितेंद्र कुमार, डा. महेंद्र सिंह, प्रो. पंकज कुमार, राकेश कुशवाहा, मनोज शर्मा, सुरेश कुमार, संतोष कुमार सिंह, सुनील कुशवाहा, उदय सिंह, भैरव प्रसाद, गणेश धनोतिया, संतोष छत्रवंशी, नागेंद्र पटेल, गणेश झा, अरविंद कुमार, रजनीश प्रियदर्शी, संजय कुमार साह, जितेंद्र दत्ता, कृष्णा साह, रामबाबू शर्मा, पूर्णिमा भारती आदि ने अपने भाषण में प्रो. सिन्हा को अजात शत्रु बताते हुए कहा कि हजारों छात्र उनसे प्रेरित होकर सामाजिक कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका अदा कर रहे हैं। वे रक्सौल की आवाज है। पर्यावरण संरक्षण में प्रो. सिन्हा की आवाज बिहार की आवाज बन चुकी है। सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के कारण नदी स्वच्छ होने जा रही है।