बेतिया/रक्सौल।(vor desk)।बिहार के पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. संजय जायसवाल ने चौथी बार 1,36,568 वोटों से जीत दर्ज की है।जीत के बाद एनडीए कार्यकर्ताओं और समर्थकों में हर्ष का माहौल है।क्षेत्र में जश्न का माहौल है।रंग गुलाल के साथ पटाखे फोड़ने और मिठाई बाटने की होड़ है।
पिता का रिकॉर्ड तोड़ा
जीत के साथ ही इस बार उन्होंने अपने पिता स्व डा. मदन जायसवाल के हैट्रिक का रिकॉर्ड भी तोड़ा है।
उनके पिता साल 1996 से 2004 तक पश्चिम चंपारण के सांसद रहे। वे 1996,1998और1999का चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाया था।वर्ष 2004 में उन्हें राजद के रघुनाथ झा ने मात दी थी।
हालांकि, 2009 में संजय जायसवाल ने पिता के निधन के बाद भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था।वर्ष2014के चुनाव में रघुनाथ झा को हरा कर पिता के हार का बदला भी लिया था। इसके बाद उन्होंने लगातार चौथी बार जीत हासिल किया है। इस बार उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मदन मोहन तिवारी को मात दी है। डा संजय जायसवाल पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से साल 2009, 2014 और 2019 में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।उन्होंने विगत चुनावों में फिल्म निर्माता निर्देशक प्रकाश झा,राजद के दिग्गज पंडित रघुनाथ झा,बाहुबली राजन तिवारी और साधु यादव जैसे दिग्गजों को हराया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना की जीत
चौथी बार जीत दर्ज करने के बाद डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि मेरी जीत पीएम मोदी की जीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना, नीति और उनके कार्यों के कारण इतनी बड़ी जीत मुझे मिली है।
उन्होंने कहा कि यह इतिहास में दूसरा मौका है कि लगातार तीन बार एक ही पार्टी के एक ही प्रधानमंत्री पूर्ण बहुमत से सरकार बना रहे हैं। यह केवल साल 1947 में हुआ था और उसके बाद 60 के दशक के बाद पहली बार इतिहास में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बना रहे हैं।
इस दौरान संजय जायसवाल ने पश्चिम चंपारण की जनता, बूथ अध्यक्ष, सभी कार्यकर्ताओं को भी बधाई दिया है।कहा की जनता जनार्दन से मिले प्यार से अभिभूत हूं,इसे बयां करने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है।आपने जो दिया ,उससे दुगुना सूद समेत लौटा दूंगा।
केंद्र सरकार में मंत्री बनने की चर्चा
बेतिया में चुनावी सभा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर वह चुनाव जीत कर आएंगे तो केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा।लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी यही संकेत दिया था।ऐसे में यदि केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनती है,तो,केंद्र में उनके मंत्री बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला
पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट परिसीमन के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई। 2009 में यहां पहली बार लोकसभा के चुनाव हुए। अब तक तीन बार लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं और तीनों बार बीजेपी के संजय जायसवाल ने जीत दर्ज की है। 2019 में बीजेपी के संजय जायसवाल को 6 लाख 3 हजार 706 वोट मिले थे। वहीं, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार बृजेश कुमार कुशवाहा को 3 लाख 9 हजार 800 वोट हासिल हुए थे। पश्चिम चम्पारण सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,220,868 है। इसमें से 658,427 पुरुष मतदाता, जबकि 562,441 महिला वोटर हैं।इस बार मैदान में बसपा के उपेंद्र राम सहित कुल 8उम्मीदवार थे।
भाजपा का अभेद गढ़ पश्चिम चम्पारण सीट का यूं है कास्ट कैलकुलेशन
महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही पश्चिमी चम्पारण लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का अभेद गढ़ माना जाता है।इस बार कांग्रेस ने इस सीट पर ब्रह्मण कार्ड खेला था,जो काम न आ सका। यहां के जातिगत समीकरण की बात करें, तो मुस्लिम, वैश्य, यादव प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यहां मुस्लिम करीब 3,12,000, वैश्य करीब 2,50,000, यादव करीब 2,50,000, ब्राह्मण करीब 1,40,000, कुशवाहा करीब 2,50,000, राजपूत, भूमिहार और कायस्थ करीब 90,000 हैं। वैसे, ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये सीट बीजेपी के लिए सबसे सेफ सीटों में से एक है। सवर्ण और पिछड़ी जातियों के वोटर संजय जायसवाल के लिए चट्टान की तरह खड़े दिखते हैं।हालाकि,वर्ष 2009के बाद हरेक चुनाव में उनका वोट प्रतिशत बढ़ा था।इस बार जीत का अंतर कम हुआ।वोट प्रतिशत घट गया।
पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट का विधानसभा चुनाव रिजल्ट 2020
पश्चिम चम्पारण जिले की विधानसभा सीटों में नौतन, चनपटिया, बेतिया और पूर्वी चम्पारण जिले की रक्सौल, सुगौली, नरकटिया विधानसभा आती हैं। कुल छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें नौतन, चनपटिया, बेतिया और रक्सौल विधानसभा सीटें बीजेपी के पास है। जबकि, सुगौली और नरकटियागंज विधानसभा सीटें आरजेडी के पास है।