चुनाव बाद देर शाम खुला बॉर्डर,आवाजाही हुई शुरू
रक्सौल।(vor desk)। छ्ठे चरण के लोक सभा चुनाव को ले कर इंडो नेपाल बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा रही।बोर्डर पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों के साथ नेपाल के सुरक्षा कर्मी भी संयुक्त गश्त पर दिखे।मैत्री पुल पर नेपाल पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बाल कृष्ण खड़का टीम के साथ दिन भर सक्रिय रहे।वहीं,सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्र के पंटोका सिरिसिया सड़क अंतर्गत पिलर संख्या 393 सहित विभिन्न बोर्डर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था थी।बोर्डर को 72घंटे के लिए सिल किया गया था,जो चुनाव के बाद देर शाम खोल दिया गया। जिससे सीमा आर पार आवाजाही शुरू हो सकी ।
रक्सौल वीरगंज में बॉर्डर सील होने से फंसे देशी विदेशी पर्यटकों ने राहत की सांस ली।दोनो ओर से वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई।हालाकि,सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही।बॉर्डर पर कड़ी चौकसी और निगरानी रही।बोर्डर सील रहने के दौरान अनिवार्य और आपात कालीन सेवा को छूट दी गई थी।
भारतीय दूतावास से अनुमति के कारण शनिवार यानी 25मई की सुबह काठमांडू से वीरगंज बॉर्डर पहुंची भारत नेपाल मैत्री बस को रक्सौल प्रवेश की अनुमति दी गई,जो पटना होते बोध गया के लिए रवाना हुई।एंबुलेंस सेवा भी सुचारू रही।
भारतीय वोटरों को मिली वोट की छूट
रक्सौल।इंडो नेपाल बोर्डर सील होने के बावजूद नेपाल से आने वाले भारतीय वोटरों को वोट देने के लिए स्वदेश लौटने की अनुमति दी गई।मुख्य बॉर्डर पर तैनात दंडाधिकारी राजेश कुमार भारती और रश्मि कुमारी सहित एसएस बी और रक्सौल कस्टम के अधिकारियों ने कड़ी जांच के बीच वोटरों को रक्सौल प्रवेश की अनुमति दी।दर्जनों की संख्या में महिला और पुरुष वोटरों को उनके अनुरोध और जरूरी नागरिकता प्रमाण दिखाने पर जांच के बाद प्रवेश दिया गया।सीमा पार नेपाल के वीरगंज में अस्थाई तौर पर रहने वाली गजाला प्रवीण ने आभार प्रकट करते हुए बताया कि रक्सौल के वार्ड9में उनका घर है, जहां वोट देने के लिए प्रवेश की अनुमति दी गई।वहीं,सीमावर्ती अहिरवा टोला के प्रेम नगर के वोटरों को भी मैत्री पुल से आने की इजाजत दी गई।इसमें अहिरवा टोला के 70वर्षीय दिव्यांग शत्रुघ्न देसाई भी शामिल थे,जो, काफी कठिनाई से मैत्री पुल पार कर वोट रक्सौल एंबेसी स्थित बूथ पर वोट देने पहुंच सके ।बता दे कि रक्सौल मैत्री पुल सहित ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न बॉर्डर से आवाजाही बिलकुल बंद रही।
इस बीच नेपाली या विदेशी पर्यटकों को नेपाल जाने की अनुमति नहीं थी,लिहाजा बड़ी संख्या में देशी विदेशी नागरिक रक्सौल में बोर्डर के खुलने के इंतजार में रहे।