रक्सौल।(vor desk)।पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र में 25 मई को हुए लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग में दिव्यांग एवं बुजुर्गो ने जम कर हिस्सा लिया और मताधिकार का प्रयोग कर लोक तंत्र के महापर्व में अपनी सहभागिता जताई।करीब44डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी के बीच अनेकों ऐसे मतदाता हैं जिन्होने ना तो गर्मी का बहाना बनाया और ना ही उन्हे उम्र या शारीरिक असमर्थता रोक सकी।वे चाहते तो अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने की कोशिश कर सकते थे।लेकिन उन्होंने गांव से शहर तक के मतदान केंद्र पर जम कर वोटिंग में हिस्सा लिया और मिशाल पेश की।उन्हे सुरक्षा कर्मी से ले कर परिजन तक सहयोग करते दिखे।
रक्सौल नगर परिषद के कर्मी शांति प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक व्हील चेयर पर बैठ कर शहर के आर्य समाज स्थित बूथ पर वोट देने पहुंचे और दूसरों को भी प्रेरित किया।कहा की यह तो हमारा कर्तव्य है।तो, रक्सौल शहर के कोईरिया टोला निवासी 77वर्षीय बुजुर्ग और दिब्यांग शिव नाथ भगत ने हजारी मल हाई स्कूल स्थित आदर्श मतदान केंद्र संख्या 48पर वोट किया।उन्हे उनके पुत्र चंदेश्वर प्रसाद वोट कराने लाए थे।शिव नाथ भगत ने कहा कि क्या पता कि यह आखिरी वोट हो, अब वोट दें पाए या नही।लेकिन, मेरी देश के प्रति जिम्मेवारी है,उसे निभाने आया हूं।ताकि,अपनी पसंद की सरकार और जन प्रतिनिधि के वोट कर सकूं।उसी तरह कोइरिया टोला निवासी 69वर्षीया वृद्धा गोदावरी देवी ने भी वोट दिया और
सेल्फी लेने के बाद कहा कि आज तक मैंने एक बार भी वोट देने का मौका नही खोया।कहा कि ए पारी के वोट हमनी अपना ला दे त बानी, जेसे हमनी के दुख दर्द दूर होवे, अइसन सरकार बन सके।
वहीं,नेपाल सीमा के रक्सौल के प्रेम नगर निवासी दिव्यांग शत्रुधन गोसाई ने कड़ी धूप में करीब दो किलो मीटर दूर तक के सहारे मैत्री पुल पहुंचे और अधिकारियों से इजाजत ले कर एंबेसी स्थित बूथ संख्या 31पर वोट दिया।उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पर यह मौका मिलता है।वोट हमारा अधिकार है।जैसे खाना जरूरी है,वैसे ही लोक तंत्र के लिए वोट करना जरूरी है।इसी तरह कुष्ठ रोगी भी अपने अधिकार प्रयोग में पीछे नहीं रहे।
रक्सौल के सुंदरपुर स्थित 41पर कुष्ठ रोगी फूला पासवान ने भी वोट दिया।फूला ने कहा कि हम बीमार जरूर है,लेकिन,बीमार सरकार नहीं चाहते।देश के लिए मजबूत और स्वस्थ्य सरकार चुनने के लिए वोट करने आए हैं।