Saturday, November 23

25मई को होने वाले छठे चरण के लोक सभा चुनाव को ले कर 72घंटे के लिए भारत-नेपाल बॉर्डर हुआ सील: रक्सौल बॉर्डर पर वाहनों के प्रवेश पर रोक,चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात

रक्सौल।(vor desk)।छठे चरण के लोक सभा चुनाव को ले कर रक्सौल स्थित भारत- नेपाल बॉर्डर को सील कर दिया गया है।भारतीय कस्टम, एसएसबी और पुलिस मुस्तैद हो गई है।पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण में छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर भारत- नेपाल सीमा को 22मई से लेकर 25 मई शाम 6 बजे तक 72 घंटे के लिए सील कर दिया गया है।

25मई की शाम को खुलेगा बॉर्डर

25 मई को मतदान के बाद शाम 6 बजे से बॉर्डर को खोल दिया जाएगा। सीमा के सील रहने के दौरान हेल्थ सेवाएं सहित अन्य इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेगी।

वाहनों का प्रवेश हुआ बंद

बॉर्डर सील होने के बाद सभी प्रकार के वाहनों का आना और जाना बंद हो चुका है। वहीं, पैदल आने और जाने वाले लोगों को देखा गया है। भारत-नेपाल का मुख्य बॉर्डर मैत्री पुल, पंटोका, सीवान टोला, सहदेवा, महदेवा, मुशहरवा आदि इलाकों में सुरक्षा बल को तैनात कर दिया गया है।

बॉर्डर पर जांच जारी

चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर एसएसबी की ओर से बॉर्डर पर जांच की जा रही है। बता दें कि बॉर्डर के सील होने से लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। कई लोग नेपाल से भारत और भारत से नेपाल आए थे। ऐसे लोगों को पैदल ही अपने देश लौटना पड़ रहा है। कस्टम के इंस्पेक्टर आलोक रंजन ने बताया है कि चुनाव आयोग के निर्देश पर 72 घंटे पूर्व बॉर्डर को सील कर दिया गया है। इमरजेंसी सेवाओं को बंद नहीं किया गया है। इधर, पैदल आने वाले लोगों को पहचान पत्र दिखा कर ही प्रवेश करने दिया जा रहा है।नेपाली और भारतीय बाइक चालको को अपने अपने देश लौटने की छूट दी गई है।

बोर्डर बन्द होने से परेशानी

सीमा पार नेपाल के परसा और बारा जिला प्रशासन ने सूचना जारी कर 23मई से बोर्डर सील होने की जानकारी दी थी।लेकिन,भारतीय बॉर्डर 22मई को ही बंद कर दिया गया।इससे अफरा तफरी रही।नागरिकों ने शिकायत और आलोचना की।व्यापार पर भी असर पड़ा।वहीं,वीरगंज और रक्सौल से आने जाने वाले स्कूल बस में सवार बच्चों को दिक्कत हुई।मैत्री पुल पर वाहनों की कतार से जाम लगा रहा।बाद में जरूरी रियायत दी गई।एंबुलेंस,स्कूल बस आदि को बॉर्डर बेरियर उठा कर आने जाने दिया गया। वहीं,वाहनों से आवाजाही में जुटे आम जनों को काफी दिक्कत हुई।लोगो को पैदल बॉर्डर क्रॉस करना पड़ा।

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