रक्सौल।(vor desk)। पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने मदन मोहन तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है।इसके बाद यह साफ हो गया है कि इस सीट पर निर्वतमान सांसद सह भाजपा के उम्मीदवार डा संजय जायसवाल के बीच भिड़ंत होगी।इसको ले कर अखाड़े अब सज गए हैं। लड़ाके मैदान में उतर चुके हैं।चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है।
सोमवार की देर शाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मुहर लगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष वेणु गोपाल ने बिहार के 5 उम्मीदवारों की सूची जारी की,जिसमे बेतिया के पूर्व कांग्रेस विधायक श्री तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है।
कोई 35वर्ष बाद पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस मैदान में है।इंडिया गठबंधन के तहत राजद और वाम साथ है।
पूर्व विधायक मदन मोहन तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी बेतिया से दूसरे प्रयास में वर्ष2015में विधायक निर्वाचित हुए थे।हालाकि,2020में भाजपा के रेणु देवी(पूर्व उप मुख्य मंत्री) के हाथ पराजित हो गए थे।इस बार पार्टी ने उन पर बड़ा दाव लगाते हुए सांसद प्रत्याशी बनाया है।
श्री तिवारी साफ सुथरे और शालीन छवि के हैं।उन्होंने स्नाकोत्तर (एम जे के कॉलेज,बेतिया1990)के साथ एल एल बी (एम एस कॉलेज,मोतिहारी से 2000 में) की डिग्री हासिल की है।
पेशे से कृषक होने के साथ राजजीति में निरंतर सक्रिय श्री तिवारी कुछ अरसे से क्षेत्र में जन संपर्क में जुट कर चुनावी तैयारी में लगे हुए थे।उन्हे प्रत्याशी बनाए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी है,क्योंकि,वे पार्टी से लम्बे समय से वफादारी के साथ जुड़े रहे हैं।उन्होंने परिवार बाद बनाम परिवर्तन का नारा दिया है।कांग्रेस के रक्सौल प्रखंड अध्यक्ष ब्रज भूषण पांडे का कहना है कि पार्टी ने इस संसदीय क्षेत्र में जमीनी नेता को मैदान में उतार कर कार्यकर्ताओं को सम्मान देने के साथ मनोबल बढ़ाने का काम किया है।वही कांग्रेस नेत्री लवली शाह ने कहा है कि श्री तिवारी की जीत तय है।उन्हे दिल्ली सिम्बल के लिए बुलाया गया है। परिवारवाद पर पश्चिम चम्पारण की जनता चोट करते हुए देश भर मे एंटी मोदी माहौल को देखते हुए इस बार जाति धर्म से उपऱ उठ कर परिवर्तन के लिए वोट करेगी।
सूत्रों के मुताबिक,पार्टी ने यहां ‘ब्राह्मण कार्ड’ खेला है, जिससे लड़ाई रोचक होने की उम्मीद है।कांग्रेस के टिकट पर 1962से यहां कमल नाथ तिवारी,केदार पांडे , मनोज पांडे और रघुनाथ झा ने यहां से सर्वाधिक 28साल तक प्रतिनिधित्व किया है,जो ब्राह्मण थे।हालाकि,ये सभी बेतिया संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे।वर्ष2009में नया परिसीमन लागू होने और जातीय गणित के उलट पुलट होने के बाद भूतपूर्व सांसद डा मदन प्रसाद जायसवाल के पुत्र डा संजय जायसवाल ने कद्दावर राजद नेता सह तत्कालीन सांसद पंडित रघुनाथ झा को हराया और भाजपा की टिकट पर पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए।वे हैट्रिक लगा चुके हैं और चौथी बार मैदान में हैं।मोदी इफेक्ट के साथ क्षेत्र में निरंतर जनता के बीच रहने और अपने कार्यों के बूते जीत का दावा करने वाले भाजपा प्रत्याशी डा संजय जायसवाल का कहना है कि भाजपा उन्हे बेतिया में पहले ही पराजित कर चुकी है।चूकि हुई पार्टी कांग्रेस की यहां दाल नही गलने वाली।भाजपा नेता ओम प्रकाश मिश्रा और मनीष दुबे का दावा है कि पश्चिम चंपारण में कोई लड़ाई नही है।संजय जायसवाल रिकॉर्ड मत से जीतेंगे।
फिलहाल,कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।एक ओर जहां इंडिया गठबंधन अपने प्रत्याशी के आने पर स्वागत में जुटी है,तो,लम्बे समय से चुनावी तैयारी में जुटे डा संजय जायसवाल ने जन संपर्क अभियान तेज कर दिया है।उनके पक्ष में राज्य सभा सदस्य सतीश चंद्र दुबे मोर्चा संभालते हुए रक्सौल,आदापुर में जन संपर्क करते दिखे।जिससे सियासी हल चल तेज है।