रक्सौल।(vor desk)।लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया।इसमे खास यह रहा कि सरिसवा नदी के प्रदूषित व काले जल में व्रतियों को अर्ध्य देना पड़ा।ऐतिहासिक और सबसे पुराने आश्रम रोड छठ घाट स्थित नदी तट पर कृत्रिम घाट बनाया गया, जिंसमे पूजा अर्चना हुई।प्रशासन ने वीरगंज स्थित भारतीय महावणिज्य दूत के माध्यम से नेपाल प्रशासन को पत्र लिख कर प्रदूषित जल को रोक कर साफ जल प्रवाहित करने हेतु पत्र लिखा था।लेकिन,नेपाल की ओर से स्थिति यथावत रही।यह पीडा नेपाली क्षेत्र में भी दिखी।जिससे सीमा क्षेत्र में नेपाल सरकार व प्रशासन के प्रति आक्रोश देखा गया।
विपरीत हालात में नदी तट से परहेज करते हुए काफी संख्या में व्रतियों ने सूर्य मन्दिर घाट समेत घरों में छठ पूजा की।वहां भी स्थिति विपरीत रही।दावे के विपरीत पूजा का प्रबंध फेल रहा। तालाब में जल कुंभी और गंदे जल में ही वर्तियो को अर्घ्य देना पड़ा।
इधर,संध्याकाल अर्ध्य देने के बाद व्रतियों ने मन्नत पूरी होने पर सुमधुर गीतों के बीच कोशी पूजा भी की।
बता दे कि सोमवार को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जायेगा।
रक्सौल के आश्रम रोड, नागा रोड बाबा मठिया,कोइरिया टोला,कौड़िहार, समेत सभी छठ घाट पर छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। कई छठ घाटों पर आर्कषक लाइटिंग की गयी थी।वहीं फूल व सजावटी समानों से घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
नेपाली स्टेशन स्थित शिव हनुमान मंदिर परिसर में विधि विधान के साथ छठ पूजा का आयोजन किया गया। इसी प्रकार बड़ा परेउआ, भकुआ ब्रहम बाबा,चेक पोस्ट घाट पर छठ पूजा हुई।
उधर,नेपाल के वीरगंज स्थित घरीहरवा पोखरी समेत विभिन्न छठ घाटों पर धूम धाम से छठ पर्व मनाया गया।वीरगंज के रानी घाट में कृत्रिम घाट पर अर्घ्य दिया गया।