रक्सौल।(vor desk)।भारतीय जनता पार्टी ने हैट्रिक लगा चुके डा संजय जायसवाल को एक बार फिर अपना पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है।वे एनडीए प्रत्याशी के तौर पर 2024 के लोक सभा चुनाव में चौथी बार चुनाव लडेंगे।भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह मोदी सरकार के इस्टीमेट कमेटी के अध्यक्ष डा संजय जायसवाल के समक्ष अब तक कोई विपक्षी उम्मीदवार घोषित नही है, जबकि,उनकी तैयारी और जन संपर्क अभियान विगत कई महीनो से लगातार जारी है।उनके पिता स्व डा मदन प्रसाद जायसवाल भी यहां से हैट्रिक लगा चुके थे।बीच 2004के चुनाव पंडित रघुनाथ झा की जीत हुई थी।उन्होंने डा मदन जायसवाल को हराया था।वर्ष2009के चुनाव में डा संजय जायसवाल ने हार का बदला लेते हुए जीत हासिल की और तब से यह सीट लगातार भाजपा के खाते में है और डा संजय जायसवाल सांसद चुने जाते रहे।
कमजोर कैंडीडेट बनाम जीत का जादू
इण्डिया या महा गठबंधन ने अब तक यहां से उम्मीदवार घोषित नही किया है।अब तक पत्ता नही खोले जाने से आधी अधूरी तैयारी के बीच घोषित उम्मीदवार को स्वाभाविक संघर्ष करना होगा।यह भी साफ नही है कि कांग्रेस लड़ेगी या राजद।यहां वर्ष2004में राजद से रघुनाथ झा ने चुनाव जीता था,जबकि,वे बाहरी थे,लेकिन,ब्राह्मण वोटो की गोलबंदी के साथ सामाजिक न्याय के समीकरण के बूते चुनाव जीता था।उनका कद और छवि दोनो मजबूत थी।
वर्ष 2019 में बीजेपी के डॉ. संजय जायसवाल यहां से तीसरी बार सांसद चुने गए थे। उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के बृजेश कुमार कुशवाहा को हराया था। 2019 में यहां 10,12,936 वोट पड़े थे, इसमें डॉ. संजय जायसवाल को 6,03,706 वोट मिले थे। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बृजेश कुमार कुशवाहा को 3,09,800 वोट मिले थे। संजय जायसवाल की 2,93,906 वोटों से जीत हुई थी।
पश्चिम चंपारण भाजपा का अभेद किला माना जाता है, जहां 1996 से ही पार्टी के उम्मीदवार जीतते आए हैं। तीन बार से सांसद और भाजपा के पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल इस बार भी भाजपा से बेतिया लोकसभा के उम्मीदवार हैं उन्होंने फ़िल्म निर्देशक प्रकाश झा को इसी सीट से दो बार हराया
इस बार फिर से पश्चिम चंपारण से पार्टी उनके नाम पर मुहर लगा चुकी है। उनका टिकट कंफ़र्म हो गया है।तैयारी जारी है।हालाकि,क्षेत्र में उन्हे इस बार चुनौतियों और सवालो से भी जूझना पड़ सकता है,लेकिन,उनके समर्थक जीत के प्रति आश्वस्त दिखते हैं।कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पश्चिम चंपारण सीट के लिए पिछले 2008से प्रभावी परिसीमन के बाद सीट पर आंकडे बदले हुए हैं और नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग के साथ पीएम मोदी के चेहरे के बूते फिर से जीत का दावा ठोका जा रहा है।विश्लेषकों की माने तो इस बार चुनाव में यहां जन मुद्दे के प्रभावी होने के बजाय जातीय गणित पर जोर आजमाइश हो सकती है।फिलहाल,होली पर्व के मौके पर उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में डा संजय जायसवाल ने पीएम मोदी समेत पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है।