Saturday, November 23

चुनाव के मद्देनजर अनुमंडल के सभी थानाध्यक्षों एवं पुलिसकर्मियों को रक्सौल थाना में प्राथमिक उपचार का दिया गया प्रशिक्षण


रक्सौल।(vor desk)।लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर रक्सौल थाना परिसर में अनुमंडलीय अस्पताल रक्सौल के चिकित्सकों के द्वारा अनुमंडल के सभी थाना के थानाध्यक्षों एवं पुलिसकर्मियों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया गया।।उपाधीक्षक सह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन कुमार एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मेडिकल ऑफिसर डॉ मुराद आलम ने हीट स्ट्रोक, भगदड़ में ज़ख्म, बुलेट इंज्यूरी, साँप के काटने,पानी में डूबने, सीपीआर, एबीसी इत्यादि पर प्राथमिक उपचार के बारे में बताया।डॉ मुराद आलम ने कहा किहीटस्ट्रोक तब होता है जब शरीर गर्म तापमान की प्रतिक्रिया में अपने प्राकृतिक थर्मोरेगुलेटरी सिस्टम (हाइपोथैलेमस) के माध्यम से खुद को ठंडा नहीं कर पाता है।इस स्थिति में मरीज़ के सिर में दर्द होना, अत्यधिक पसीना होना, चक्कर आना, शरीर का तापमान 103°फारेनहाइट से अधिक बढ़ जाना एवं बेहोश हो जाने जैसे लक्षण होते हैं।इन परिस्थितियों में कभी भी पेरासिटामोल या एस्प्रिन की गोलियां नहीं देनी चाहिए क्योंकि इससे लिवर और किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और शरीर का तापमान भी कम नहीं हो पाता है।ऐसे लक्षणों में मरीज़ को ठंडी एवं हवादार जगह पर लेटा कर तौलिया या कपड़े को ठंडे पानी मे भिगो कर स्पोंजिंग करते रहना चाहिए जब तक कि शरीर का तापमान सामान्य न हो जाये।साथ ही होश में रहने पर ओ आर एस की घोल पिलाना चाहिए तथा नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उचित इलाज के लिए ले जाना चाहिए। यदि किसी मरीज़ को ऐसी इंज्यूरी हो जाये जिसमें अत्यधिक खून बह रहा हो तो सबसे पहले उसके खून को बंद करने के लिए इंज्यूरी वाली जगह पर साफ कपड़े या पट्टी से प्रेशर बैंडेज करना चाहिए ताकि अत्यधिक खून बहने के कारण किसी की जान न जाये।शरीर मे कहीं की भी हड्डी टूट जाये तो उस पर कूट या दफ़्ती रख कर उस हिस्से को इम्मोबाईल कर देना चाहिए और तुरंत उचित स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए।यदि कोई मरीज़ अंदरूनी कारणों से बेहोशी की हालत में चला जाये  तो उसे एबीसी के तहत एक प्राथमिक उपचार देना चाहिए जिसमें मरीज़ की हवाई नालियों की स्थिति, उसकी सांस को बहाल करना तथा उसके सर्कुलेशन को बहाल करना चाहिए।साथ ही आवश्यकता पड़ने पर कार्डियक अरेस्ट के केस में सीपीआर देना चाहिए जिसे डेमो के द्वारा समझाया गया।प्रशिक्षण में सभी पुलिसकर्मियों के साथ मेडिकल ऑफिसर डॉ अमित कुमार जायसवाल, डॉ मो सुल्तान, परिचारी मोहन कुमार उपस्थित थे।इधर,जिला से आई डीएसपी मधु कुमारी और रक्सौल डीएसपी धीरेंद्र कुमार ने जवानों को दंगा नियंत्रण के लिए आवश्यक टिप्स के साथ प्रशिक्षण दिया।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)

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