रक्सौल।(vor desk)।भारत-नेपाल सीमा के मैत्री पुल के पास भारतीय हिस्से में गुरुवार को उस वक्त कस्टम व एसएसबी के बीच विवाद उत्पन्न हो गया,जब एस एसबी ने हेल्प डेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की।
बताते हैं कि अचानक से सैकड़ो की संख्या में लोग आ पहुंचे और एस एस बी के खिलाफ हो गए।कस्टम के साथ प्राइवेट कर्मियों व कुछ स्थानीय लोगों ने भी मैत्री पुल पर हेल्प डेस्क का विरोध जताया।यह हेल्प डेस्क एसएसबी के आईजी पंकज दराद के निर्देश पर लगाया जा रहा था।इससे पहले उच्चस्तरीय निर्देश पर बीते दिनों एसएसबी चेक पोस्ट को हटा लिया गया था।
गुरुवार को इस विवाद और तनाव की सूचना मिलते ही भारतीय महावाणिज्य दूतावास से वाणिज्य दूत शैलेन्द्र कुमार और शतीश पट्टा पट्टू पहुंच गए और मामला को शांत करते हुए रक्सौल कस्टम कार्यालय में एक बैठक आयोजित की।कस्टम व एसएसबी के बीच बैठक कर यह निर्णय लिया गया कि मैत्री पुल पर महिला बटालियन के सिर्फ दो महिला जवान हेल्प डेस्क पर तैनात रहेंगे, जो सादा वर्दी में यात्रियों की सहायता करेंगे।यहां एक टेबल और दो कुर्सी लगेगी। वही कस्टम के पीछे डंकन रोड और मेन रोड में ट्रासपोर्ट कोलनी के पास एसएसबी की टीम रहेगी जो संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखेंगे। इस निर्णय के बाद विवाद शांत हो सका। बैठक में कस्टम उपायुक्त रामानंद सिंह, एसएसबी कमांडेंट विकास कुमार,हरैया थाना प्रभारी अनुज सिंह मौजूद थे।यहां बता दे कि बीते दिनों भारत-नेपाल के नागरिकों द्वारा उच्चाधिकारियों को यह शिकायत की गई थी कि मैत्री पुल पर एसएसबी के द्वारा एक-एक वाहनों के चेकिंग के चलते लंबी जाम की समस्या हो जा रही है। वही कुछ दिन पूर्व एक नेपाली नागरिक को भी पिटाई का मामला सामने आया था जिसमे नेपाली नागरिक का सर फट गया था। जिसके शिकायत के बाद खुद एसएसबी महानिरीक्षक पंकज दरार ने आ कर निरीक्षण कर मैत्री पुल से एसएसबी के जवानों को हटने का निर्देश दिया था। जिसके बाद 11 मार्च को चेक पॉइंट हटा दिया गया। आईजी पंकज दरार ने मैत्री पुल पर सिर्फ एक हेल्प डेस्क रखने को कहा था जो भारत नेपाल आने जाने वाले यात्रियों पर नजर रखेंगे वही संदिग्ध व्यक्ति या वाहनों को कस्टम के पीछे एसएसबी चेक पॉइंट को सूचना देंगे।