रक्सौल।(vor desk)। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिर्देशालय की टीम रक्सौल में दो दिनो से है।लेकिन,अंतिम तौर पर क्या कारवाई हुई ,इसका खुलासा नहीं हो सका है।इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं और अटकलों का दौर जारी है।लोग सवाल उठा रहे हैं कि कहीं अंदर खाने में मामला मैनेज तो नही हो गया?लोग जानना चाहते हैं कि वाकई क्या मामला है!
दरअसल इस टीम की कार्य प्रणाली खुद ही संदेह पैदा करती रही।मीडिया से दूरी बना कर रखने के साथ ही जिस तरह से अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई,वह भी संदेह को बढ़ाता है।
एक ओर पटना से विभाग स्तर पर जारी सूचना में75लाख से ज्यादा की जीएसटी चोरी की खबर सुर्खियों में है।तो दूसरी ओर रविवार के सुबह से शुरू हो कर छापेमारी की करवाई दिन भर जिस कदर आगे बढ़ी,उससे बड़ा मामला होने की चर्चा रही।लेकिन, नतीजा बताने के नाम पर अंतत:खानापूर्ति दिखी।सवाल इसलिए उठा कि यदि केवल जी एस टी चोरी का मामला था,तो,टीम नामी बेनामी संपत्ति को क्यों खंगालती रही।विभिन्न ठिकानों पर क्या करती रही?स्थाई अस्थाई संपति का ब्योरा क्यों जुटाती रही,जमीन के दस्तावेज की पडताल के बाद इस पर चुप्पी क्यों बन आई!हाड़ी बाजार स्थित आवास पर क्या कुछ चलता रहा,जिसमे अधिकारी रात भर रुके रहे और अहले सुबह वहां से हट गए। जबकि टीम अड़ी थी कि जब तक गृह स्वामी रामाशंकर प्रसाद आयेंगे नही,तब तक टीम जायेगी नही।
संदेह इसलिए भी बढ़ा क्योंकि,टीम की ओर से अपने परिचय पर भी असमंजस में रखा गया।कभी आईटी तो कभी ईडी तो कभी जीएसटी की बात कही गई।जबकि,टीम जी एस टी इंटीलिजेंस की थी।वाहनों से भी विभाग का नेम प्लेट हटा दिया गया था।
पटना से जारी सूचना में नकदी,जमीन के दस्तावेज,आभूषण,पासबुक, अष्ट धातु की मूर्ति का कोई जिक्र नहीं था,जिसके मिलने की चर्चा दबे जुबान से चारो ओर रहा,हालाकि,इसकी पुष्टि नहीं हो सकीं है।
इधर, अधिकारियों द्वारा पुरे मामले में अब तक जांच पूरी नहीं होने और जांच के बाद ही पूरा विवरण सामने लाने की बात कही जा रही है।जबकि,कपड़ा ,जमीन खरीद फरोख्त समेत कई कारोबार से जुड़े व्यापारी रामा शंकर प्रसाद के छोटे भाई चंदेश्वर प्रसाद ने दावा किया गया कि जांच हुई,कुछ मिला नही..!
आधिकारिक सूत्रों की माने तो टीम रक्सौल में अभी भी कैंप कर रही है।टीम की नजर रक्सौल के भरतीया कोलनी स्थित गोदाम पर है।जिसमे भारी मात्रा में कपड़ा की गांठे मौजूद है,जिसे नेपाल भेजने के लिए रखे होने की सूचना है।सूत्रों का कहना है कि टीम ट्रांसपोर्टर और कारोबारी के बयान और माल की जांच में है।जिसमे फर्क आ रहा है ।बताते हैं कि कपड़ा कारोबार से जुड़े रामा शंकर प्रसाद अभी भी अंडर ग्राउंड हैं।उनकी अनुपस्थिति में उनके परिजनों से पंचनामा भी बनवाया है,जिसमे श्री प्रसाद के अधिवक्ता के भी मौजूद रहने की खबर है।अधिवक्ता के मुताबिक,टीम ने श्री प्रसाद को उपस्थित कराने और जांच में सहयोग करने को कहा है।
टीम हाड़ी बाजार आवास से सोमवार की सुबह करीब 7/8बजे वापस लौट गई।
इससे पहले अलग अलग8 टीम ने हाड़ी बाजार स्थित मकान और पास के दफ्तर,भारतीय कोलनी स्थित गोदाम,नागा रोड स्थित घर आश्रम रोड,मुख्य पथ, मिरचा पट्टी,बैंक रोड आदि घरों को भी खंगाला ।जांच में उनके द्वारा कई फॉर्म वैध और अवैध तौर पर संचालित होने की बात भी सामने आ रही है,जिसमें अनेकों उनके करीबी के नाम के भी बताए गए हैं।इन सभी फॉर्म के कागजातो की गहन जांच की गई है। करीब दर्जन भर फॉर्म की सघन जांच होने की सूचना है।
विभागीय उच्च अधिकारियो के मुताबिक,बड़ी संख्या में जी एस टी चोरी का मामला सामने आया।सूचना के मुताबिक,अब तक 28करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी मिली है।जिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में छापेमारी की गई है,उसमे मेसर्स श्री गणेश ट्रेडिंग,श्री लक्ष्मी ट्रेडिंग,श्री श्याम ट्रेडिंग,श्री राधे श्याम ट्रेडिंग समेत अन्य शामिल हैं।सभी फॉर्म रेडीमेड ,कपड़ो के कारोबार से जुड़े हुए हैं,जिसके बारे में चर्चा है कि अलग अलग लोगों के नाम पर अधिकाश फर्म संचालित हैं। नियम के खिलाफ कपड़े की बिलिंग सिर्फ कच्ची पर्ची पर करवा कर दूसरे राज्यों से माल मंगाया जाता है और बिना बिल पर्ची के ही इन सामानों को स्थानीय बाजार में बेच दिया जाता है।बिना कच्ची पर्ची के इन समान को मंगा कर इन्होंने सीधे तौर पर 5 प्रतिशत जी एस टी की चोरी की और इन माल को बिना उचित बिल के बेचकर भी टैक्स की चोरी कर ली।सूचना है कि काफी माल को अवैध तरीके से नेपाल भेज दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन सभी के ठिकानों से छापेमारी के दौरान फर्जी जीएसटी रिटर्न से जुड़े कागजात के अलावा लैपटॉप,पेन ड्राइव,डायरी,कच्चा हिसाब लिखे पंजी, डायरी,के साथ ही फर्जी निर्यात से जुड़े कागजात भी बड़ी मात्रा में बरामद किए गए हैं।इससे यह साफ प्रतीत होता है की इन्होंने बिना बिल के इन सामानों को नेपाल निर्यात किया था और सरकार से धोखा घड़ी करके आई जी एस टी रिफंड का अनुचित लाभ ले लिया ।इस आधार पर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ भी ले लिया है।इसमें भी लाखो रुपए की टैक्स चोरी की भी बात सामने आई है।कुछ मामलों में नकली चालान से जुड़े कागजात भी मिले हैं।फिलहाल अभी जब्त दस्तवेजो के जांच चल रहे हैं।इसके बाद ही टैक्स चोरी से जुड़ी पूरी जानकारी सामने आएगी और करवाई बढ़ेगी।
इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के गोदामों की जांच में यह बात सामने आई है कि इन्होंने जितना माल इसके अंदर जमा कर रखा था,उसके आधार पर पंजी में इंट्री सही नही थी। न बिल ही उसके हिसाब से मौजूद था।कई माल के बड़ी संख्या में फर्जी बिल भी मिले हैं।कच्चे में काफी संख्या में लेन देन का हिसाब लिखा था। सूरत,मेरठ,कोलकात्ता,लुधियाना से बड़ी संख्या में बिना बिल के रेडीमेड कपड़ो ,कपड़ो को मंगवा कर सीधे तौर पर जीएसटी की चोरी की गई है।अधिकारियो ने दावा किया कि इससे संबंधित दस्तावेज की अलग से जांच होगी।