आदापुर।(vor desk)।गौतम बुद्ध भारत हो नही अपितु दुनियां के सबसे बड़े वैज्ञानिक, तार्किक विश्वगुरू और करुणा मैत्री,शील प्रज्ञा व अहिंसा के प्रवर्तक थे।उन्होंने दुनियां को करुणा और शांति का संदेश दिया,जिनके नजरों में जीव हिंसा तथा सामाजिक भेदभाव का कोई स्थान नहीं था।उक्त बातें बुद्ध समाजिक चेतना संस्थान ट्रस्ट,संत कबीर नगर नरौल के संस्थापक व जदयू के वरीय नेता पूर्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कही।वे अपने गृह गांव स्थित संत कबीर नगर में भगवान बुद्ध, बोधिसत्व संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.बीआर अम्बेडकर,अमर शहीद बाबू जगदेव कुशवाहा और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रतिमा का संयुक्त रूप से अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री कुशवाहा ने देश के योगदान में महती भूमिका निभानेवाले विद्वानों व महापुरुषों के प्रतिमा का एक साथ निर्माण कराया है।
उक्त प्रतिमा का अनावरण थाई मंदिर के बौद्ध भिक्षु भंते डॉ.पीसी चन्द्रा द्वारा त्रिशरण पंचशील बुद्ध वंदना एवं मंङ्गल आशीर्वचन के बाद मुख्य अतिथि बाल्मिकीनगर के जदयू सांसद सुनील कुमार, थाई मंदिर के बौद्ध भिक्षु भंते डॉ.पीसी चन्द्रा,विशिष्ट अतिथि बसपा के जिलाध्यक्ष सह पूर्व मुखिया मथुरा राम,छौड़ादानों प्रमुख पति धीरेन्द्र यादव फौजी ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया।
मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए सांसद सुनील कुमार ने कहा कि इस सुदूर देहाती क्षेत्र में एक साथ आधा दर्जन विद्वानों के दर्शन करने लिए एक सुंदर तीर्थ का निर्माण किया जाना काफी प्रेरक है।
इस स्थान पर आने से विद्या और ज्ञान के समागम केंद्र का एक साथ दर्शन हो सकता है।इसके लिए पूर्व मंत्री बीरेंद्र कुशवाहा सदियों तक याद किए जायेंगे।संत कबीर नगर, नरौल में करीब एक एकड़ भूमि में एक साथ अब्दुल कलाम पुस्तकालय,बुद्ध, अम्बेडकर,संत कबीर,पटेल,जगदेव बाबू के विचारों से लैश दर्शन केंद्र काफी दर्शनीय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह कुशवाहा और संचालन अरुण कुमार सिंह ने किया।मौके पर हरेंद्र यादव, बौद्धाचार्य हरेराम महतो,जितेन्द्र सिंह मौर्य,पूर्व मुखिया ध्रुवनारायण कुशवाहा,पूर्व जिला पार्षद उमेश सिंह कुशवाहा,डा.श्रीकांत, सुनिल सिंह सहित सकड़ों लोग मौजूद रहे।