विश्व शांति के लिए ‘गांधी से बुद्ध’ की ओर नारे के साथ काठमांडू में आयोजित होगा अंतर्राष्ट्रीय समागम
रक्सौल।(vor desk)। नेपाल की राजधानी काठमांडू में विश्व सामाजिक सामाजिक मंच के बैनर तले विश्व शांति के लिए ‘गांधी से बुद्ध की ओर ‘ के नारे के साथ आगामी अंतर्राष्ट्रीय समागम का आयोजन किया गया है।यह आयोजन आगामी 15 फरवरी से 19फरवरी 2024 तक काठमांडू में हो रहा है।जहां देश दुनियां के चालीस हजार अहिंसावादी लोगों का महा जुटान होगा।इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समागम में एकता परिषद भारत से 200 सामाजिक कार्यकर्ता प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पीवी के नेतृत्व में आगामी 14 फरवरी को बिहार के रक्सौल बॉर्डर से लगे बीरगंज (नेपाल )से गांधी से बुद्ध की ओर पदयात्रा करते हुए काठमांडू के लिए प्रस्थान करेंगे।वीरगंज स्थित शंकराचार्य द्वार पर स्वागत होगा ।यह पदयात्रा वीरगंज शहर से परवानीपुर तक करीब 12 किलोमीटर की होगी।उसके बाद वे बस से काठमांडू पहुंचेंगे और काठमांडू में 15 फरवरी को विश्व सामाजिक मंच की अंतरराष्ट्रीय रैली होगी। वही,16 फरवरी को विश्व स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों की छीना झपटी के विरुद्ध जन अधिकार को लेकर विश्व स्तरीय संवाद का कार्यक्रम एकता परिषद इंडिया और राष्ट्रीय भूमि अधिकार मंच नेपाल समेत विभिन्न मंच के संयुक्त तत्वाधान में होगा,जबकि 17 फरवरी को इसी बैनर के तहत विश्व में शांति सद्भावना न्याय पर अंतर्राष्ट्रीय संवाद का आयोजन किया जाना है।उक्त कार्यक्रम में दुनियां भर के करीब40हजार लोग जुटेंगे।
एकता परिषद की मान्यता जो गांधी के अहिंसा और बुद्ध के शांति से जुड़ा है उसको लेकर पूरे विश्व में शांति सद्भाव को स्थापित करने की दिशा में यह एक प्रयास है।देशभर से एकता परिषद इंडिया के कार्यकर्ता आएंगे, वह गांधी की प्रासंगिकता और हिंसा के विरुद्ध गांधी की उपस्थित को देश दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
इस कार्यक्रम को ले कर रक्सौल में कैंप कर रहे राष्ट्रीय एकता परिषद के उपाध्यक्ष सह प्रदेश संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी का मानना है की विश्व में अलग-अलग स्तर पर हो रहे हिंसा प्रति हिंसा युद्ध और इसके परिणाम स्वरुप उसे देश के खास कर गरीब और कमजोर वर्ग के लोग महिलाएं और बच्चों के ऊपर बढ़ते दमनात्मक कार्रवाइयों और अन्याय को रोकने का एकमात्र रास्ता गांधी के आदर्श है।उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में गांधी की प्रासंगिकता स्थापित हो रही है और जिस प्रकार गांधी ने आजादी पूर्व समाज के सभी तत्वों ,तबकों को जोड़ने के लिए भेदभावपूर्ण सामाजिक व्यवस्था और सरकारी दमन के विरुद्ध शांति में आंदोलन का नेतृत्व किया, वह आज भी प्रासंगिक है। चंपारण की भूमि गांधी के महात्मा बनने में सहायक रही है और बापूधाम इसका जीवंत प्रमाण है। आज महात्मा गांधी के अनुयाई गांधीवादी नेता राजगोपाल पीवी इसी चंपारण की भूमि रक्सौल से यात्रा का नेतृत्व करेंगे।
क्या है कार्यक्रम
रक्सौल।अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित गांधीवादी राज गोपाल पीवी 13 फरवरी को राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के कर्म भूमि रक्सौल पहुंचेंगे।जहां राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्य समेत200गांधीवादी जुटेंगे। रक्सौल में उनका रात्रि विश्राम होगा।रक्सौल में उनका स्वागत होगा।साथ ही महात्मा गांधी की प्रांगिकता पर एक गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित होगा।इसके बाद वीरगंज जायेंगे,जहां,भूमि अधिकार मंच,सत्याग्रह नेपाल समेत अन्य संगठनों के द्वारा जुटे 300गांधी वादी कार्यकर्ताओं यानी करीब500 लोग पद यात्रा करते हुए बारा जिला के पथलैया स्थित काठमांडू के लिए रवाना होंगे।
कार्यक्रम से जुड़े नेपाल के जाने-माने गांधीवादी चिंतक व सत्याग्रह संस्था के संस्थापक चन्द्रकिशोर, सामुदायिक आत्मनिर्भर केन्द्र के अध्यक्ष जगत बस्नेत, भूमि अधिकार मंच के जगत देउजा, कल्पना कार्की आदि ने बताया कि भारत के गांधी वादी मित्र जो शांति और संवाद में विश्वास करते हैं,नेपाल के सहयोगी मित्रो के साथ यह पद यात्रा और कार्यक्रम कर रहे हैं,जो,बदली परिस्थिति में मानवता और विश्व शांति का संदेश देंगे।