वीरगंज/रक्सौल।(vor desk)।भारत नेपाल मैत्री रिश्ते की पैरोकारी और हिंदु संगठन से जुड़े वीरगंज के दो उद्योगपति राम मंदिर न्यास से मिले न्योता पर शनिवार को अयोध्या कुच कर गए।वीरगंज के मेयर राजेश मान सिंह,सत्याग्रह संस्था नेपाल के संस्थापक चंद्र किशोर समेत गण मान्य लोगों ने वीरगंज के राम जानकी मंदिर में दोशाल,फूल माला पहना कर शुभ कामना देते हुए विदा किया।
इधर, रक्सौल पहुंचने पर भाजपा नेता राकेश कुशवाहा मनीष दुबे,राज किशोर राय,अरविंद सिंह आदि ने स्वागत किया और दोशाला ,बुके दे कर ससम्मान विदा किया।
यात्रा पर नेपाल भारत सहयोग मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह वीरगंज महा नगर पालिका के सद्भावना दूत अशोक वैध और वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के उपाध्यक्ष माधव राज पाल साथ गए।बताया कि वहां भारतीय राजनीतिज्ञों व प्रशासनिक अधिकारियों से नेपाल भारत रिश्ते और आपसी समन्वय,सहयोग पर चर्चा भी करेंगे।श्री वैध ने आमंत्रण मिलने पर खुशी जताते हुए बताया कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि राम लल्ला का बुलावा आया है।प्रभु श्री राम के ससुराल यानी नेपाल से अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का गौरव मिलना और इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनना परम सौभाग्य है।उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण हिंदुओं के लिए इस सदी के लिए अद्वितीय है।श्री वैध के मुताबिक,नेपाल से रुद्राक्ष,प्रतिक चिन्ह समेत अन्य सौगात भेंट देंगे।
इसमें कार सेवा में योगदान देने वाले परिवार से जुड़े और हिंदू स्वयं सेवक संघ के संघ संचालक सह वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के उपाध्यक्ष माधव राज पाल भी राम मंदिर न्यास के आमंत्रण पर अयोध्या रवाना हुए ।उन्होंने कहा कि यह आमंत्रण मेरे पिता स्व मोहन राज लाल पाल जी के बदौलत मिली है,जो,नेपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू स्वयं सेवक संघ के संस्थापक में अग्रणी हैं।माधव राज पाल ने बताया कि मेरा पूरा परिवार अयोध्या राम मंदिर में कार सेवा से ले कर मंदिर निर्माण के शिलान्यास और निर्माण तक में सहयोगी रहा है।हाल ही में अमृत भारत ट्रेन उद्घाटन के दौरान उद्घाटन स्पेशल ट्रेन में चढ़ने,पीएम से मिलने और मंदिर उद्घाटन के पहले राम लल्ला के दर्शन का सौभाग्य मिला था।इस बार प्रभु श्री राम ने बुलावा भेजा है,जो मेरे पिता जी का ही पुण्य प्रताप है।मंदिर न्यास के प्रति हम आभारी है कि उन्होंने आमंत्रित किया।वे बताते हैं कि नेपाल प्रभो श्री राम का ससुराल है।हम इस आमंत्रण के बाद उस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे, जब 500साल के इंतजार के बाद अपने मंदिर में विराजेंगे।हमारी चाहत है कि नेपाल हिंदू राष्ट्र बने,प्रभु चाहेंगे,तो यह चाहत भी जरूर पूरा होगा।