Sunday, November 24

एसएसबी सीमा सुरक्षा के साथ सामाजिक दायित्वों का भी कर रही निर्वहन: डी आई जी एस.सुब्रह्मण्यम

रक्सौल।(vor desk)।एसएसबी सीमा सुरक्षा, सेवा व बंधुत्व के लिये संकल्पित है।इंडो नेपाल बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा के साथ एस एस बी सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन भी करती आ रही है।उक्त बाते बुधवार को पंटोका स्थित हेडक्वॉटर परिसर में एसएसबी के 60 वां स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि एसएसबी के डी आई जी एस. सुब्रह्मण्यम ने कही।
उन्होंने कहा कि आज ही के दिन सन 1963 में, भारत चीन युद्ध के बाद इस संस्था की स्थापना की गई थी। तत्कालीन समय में इस संस्था का नाम विशेष सेवा ब्यूरो था।इस संस्था का प्राथमिक कार्य सीमा की आबादी में भारत की क्षमताओ को विकसित करना था। इसी सोच के साथ सन 1963 में इस बल की स्थापना की गई थी।वर्ष 2001 से नेपाल और भूटान सीमा पर एस एस बी सीमा सुरक्षा में जुटी है। एस एस बी में पहली ऐसी सीमा रक्षक बल है,जिसमे महिलाओ की भर्ती की गई है । मौके पर डी आई जी को जवानों द्वारा सलामी दी गई। परेड का मार्च पास्ट किया गया।

श्वान कौशल का प्रदर्शन हुआ। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भांगड़ा, बिहू, आदिवासी नृत्य प्रदर्शित किया गया। इसके साथ गीत, शेरो-शायरी जोक्स, संगीत कुर्सी-खेल इत्यादि, खेल कूद, पुरस्कार वितरण के पश्चात बड़ा खाना का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर रक्सौल अनुमंडल पदाधिकारी आईएएस शिवाक्षी दीक्षित, वीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतवास के वाणिज्य दूत शशि भूषण कुमार, शैलेंद्र कुमार ,कस्टम कमिश्नर रामानंद सिंह,आईसीपी इंचार्ज प्रवीण कुमार सहित अन्य शरीक थे।

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