Sunday, November 24

रक्सौल स्टेशन की उपेक्षा पर सांसद डा संजय जायसवाल ने संसद में उठाया सवाल,रेल मंत्री ने किया एलान-‘इंपोर्टेंस के हिसाब से बन रहा डिजाइन,टर्मिनल के रूप में किया जाएगा विकसित’!

रक्सौल।(vor desk)। भारत नेपाल सीमावर्ती रक्सौल स्टेशन की उपेक्षा और कम बजट आवंटन का मुद्दा संसद में उठा।पश्चिम चंपारण के सांसद डा संजय जायसवाल ने लोक सभा में इस पर सवाल उठाया कि रक्सौल स्टेशन के विकास की क्या योजना है।अमृत भारत में तो इसे शामिल किया गया है, किन्तु,इसका स्वरूप बड़ा होना चाहिए।जिस पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वासन देते हुए एलान किया कि रक्सौल रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन में शामिल करके भारत नेपाल सीमा की महत्व को देखते इसे विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि रक्सौल टर्मिनल बन रहा है।बेसिकली नेपाल के लिए कम्पलिट ट्रांसपोर्टेशन और ट्रेड का ।इसी अनुरूप रक्सौल स्टेशन को विकसित किया जा जायेगा।उन्होंने कहा कि रक्सौल के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए स्टेशन का डिजाइन किया जा रहा है।

उक्त घोषणा रेल मंत्री ने लोकसभा में क्षेत्रीय सांसद संजय जायसवाल के उठाये गये सवाल पर की।जिस पर सांसद श्री जयसवाल ने प्रधानमंत्री व रेल मंत्री का धन्यवाद प्रकट करते कहा कि सुगौली की तरह बेतिया व रक्सौल भी अमृत भारत स्टेशन में शामिल है। परन्तु रक्सौल में जो योजना बनी थी वह पर्याप्त नहीं है।उससे वे बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं।सांसद के सवाल को तवज्जो देते रेल मंत्री ने संकेत दिया कि भारत नेपाल के व्यापारिक सम्बन्ध को सुदृढ़ करने की दिशा में एक नई मोटी राशि के साथ रक्सौल रेलवे स्टेशन को निर्मित करके पूर्ण टर्मिनल के रूप में उसे विकसित किया जाएगा। सांसद ने बताया कि रेलमंत्री ने लोकसभा में यह भी कहा कि रक्सौल वालों को एक और शिकायत थी कि रक्सौल से दिल्ली के लिए कोई सुपरफास्ट ट्रेन नहीं है। यह भी शिकायत इस महीने के अंत तक दूर हो जायेगा। इस ट्रेन के रास्ते में अयोध्या भी पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि रक्सौल पूरी तरह गेटवे ऑफ नेपाल है। रक्सौल काठमांडू जाने का एक मात्र रास्ता है।रक्सौल से काठमांडू के लिए रेल प्रोजेक्ट प्रस्तावित है।देश के महत्वपूर्ण स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है।चंपारण में महात्मा गांधी आए थे और सत्याग्रह के कारण देश को आजादी मिली थी।ऐसे में इस स्टेशन को बड़े स्तर पर डेवलप होना चाहिए।

बता दे कि रक्सौल स्टेशन को अमृत भारत के तहत विकसित करने के लिए काफी कम रकम दी गई।इसका डिजाइन भी समस्तीपुर रेल मंडल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर जारी किया था।उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठने पर भारत सरकार के इस्टीमेट कमेटी के अध्यक्ष डा संजय जायसवाल एक्शन मोड में आ गए।जिसके बाद डिजाईन को हटा लिया गया। संसद में भी आवाज उठी।अब नई राशि और नई डिजाइन के साथ वर्ल्ड क्लास स्टेशन की उम्मीद जगी है।

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