रक्सौल।(vor desk)। एचआई वी /एड्स रोग के मामले में हाई रिस्क जोन घोषित रक्सौल में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतिहारी (पीजी सोशल वर्क के फाइनल इयर)के छात्र छात्राओं के ग्रुप ने कारण और निवारण के दिशा चल रहे कार्यों पर शोध शुरू किया है।जिसके लिए टीम ने रक्सौल के अनुमंडल अस्पताल स्थित स्टैंड एलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर के कॉन्सुलर डा प्रकाश मिश्रा से जानकारी जुटाई और फील्ड भिजिट किया।उक्त छात्र छात्राओं का दल टारगेट इन्वेंशन टीम (टी आई)के सहयोग से रक्सौल पहुंची।जो होमो सेक्सुअल और फीमेल सेक्स वर्कर पर टारगेट बेस्ड काम करती है।डा प्रकाश मिश्रा ने बताया की रक्सौल कई मायनों में हॉट स्पॉट और हाई रिस्क जोन में है।इंडो नेपाल बॉर्डर पर होने के कारण खतरा ज्यादा है।यहां एच आई वी जांच का दायरा बढ़ा है।जिस कारण चंपारण में सबसे ज्यादा करीब आधा दर्जन होमो सेक्सुअल एच आई वी पॉजिटिव केस मिले हैं।ट्रांस जेंडर इससे पीड़ित हैं।वहीं,फीमेल सेक्स वर्कर खतरा बन चुकी हैं,जो सरहद पार तक एच आई वी का एक्सचेंज कर रहीं हैं।यहां स्किन डिजीज मरीजों में भी एच आई वी केश मिला,जो संवेदनशील विषय है। बच्चों में भी एच आई वी पॉजिटिव पाया गया।कई संक्रमित माता पिता के शिशु पैदा हुए और उनमें कई सुरक्षित और स्वास्थ्य भी हैं।वर्ष 2023 में 60से ज्यादा केश मिल चुके हैं। कोरोना काल में जांच प्रभावित हुई थी।हालाकि,अब जांच में तेजी आई है।गर्भवती महिलाओ और लक्षण वाले मरीजों की अनिवार्य जांच होती है,जो अनुमंडल अस्पताल में निशुल्क होती है।टीम में शामिल आनंद अभिषेक ,अमन सुप्रिया गुप्ता, दीप शिखा दीक्षित आदि ने कई जिज्ञासा प्रकट की ,जिसका उन्हे डाटा और जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई।टीम ने रक्सौल के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पहुंच कर मरीजों से मुलाकात की।भौगोलिक बनावट और हालत का जायजा लिया।इसमें रक्सौल नगर के आश्रम रोड,बड़ा परेऊवा ,नेपाली स्टेशन,समेत प्रखंड के लक्ष्मीपुर, कनना, भरत मही,श्री राम पुर समेत आधा दर्जन गांव ,जो हाई रिस्क एरिया घोषित है,में पहुंच कर स्थलगत अध्ययन किया।इसमें अकेले कनना में14 एड्स के मरीज मिल चुके हैं, जहां पर उनका केश स्टडी के मद्देनजर खास फोकस रहा। इस एरिया में जन जागरूकता के साथ एहतियाती कदम उठाने पर जोर दिया गया ।