रक्सौल।(vor desk)। एक नवजात बच्ची को आदापुर स्टेशन से नियंत्रण में लिया गया है।उसे आदापुर प्लेटफार्म के शौचालय के निकट मरने के लिए लावारिश छोड़ दिया गया था।किसने छोड़ा यह किसी ने नहीं देखा।लोग भी आते जाते रहे किंतु उस नवजात बच्ची पर किसी की नजर नहीं गई।रात भर कुत्ते उस बच्ची की रखवाली करते रहे,लेकिन इंसानों की इंसानियत काम नही आई।अगर कुत्ते नही होते तो वह बच्ची सियार की भेंट चढ़ जाती।प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि नवजात बच्ची दो दिनों से वही पड़ी रही,हाथ में दूध के बोतल और गर्म कपड़े में लिपटी रही।बताते है कि बरामद बच्ची का सिर बड़ा और पैर टेढ़ा मेढ़ा है और वह किसी बीमारी से ग्रसित बताई जाती है।बीमारी से जूझने की बजाय निर्दयी माता पिता ने उसे उसकी हाल पर मरने को छोड़ दिया।इस आशय की सूचना रक्सौल रेल चाइल्ड लाईन को मिली और शनिवार को रेल चाइल्ड लाइन के राहुल कुमार ने पहुंचकर उक्त बच्ची का रेस्क्यू किया।उसके बाद आदापुर सीएचसी में ईलाज कराया गया।डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति गंभीर देखते हुए उसे मोतिहारी के लिए रेफर कर दिया।इस आशय की पुष्टि करते हुए चाइल्ड लाइन के चाइल्ड लाइन इंचार्ज खुशबू कुमारी ने बताया कि बाल संरक्षण ईकाई के निर्देश पर बच्ची को मोतिहारी सदर अस्पताल में भी ईलाज कराया गया,लेकिन उसकी स्थिति नाजुक होने के कारण पटना पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि सिमाई इलाके में लगातार लावारिस स्थिति में बच्चों का मिलना चिंताजनक बना हुआ है,जिसमें सर्वाधिक बच्चियां शामिल है।मौके पर चाइल्ड लाइन के अभिषेक कुमार व अमित कुमार मौजूद थे।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)।