रक्सौल ।(vor desk)।सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व सभापति प्रत्याशी शबनम आरा के पति नुरुल्लाह खान ने सोमवार को रक्सौल नगर परिषद कार्यालय में हो रही लूट खसोट और वित्तीय अनियमितता के मामले में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को ई मेल के जरिए शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
इसकी जानकारी उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में दी।इस दौरान उन्होंने नगर परिषद पर गंभीर अनियमितता का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव और जिलाधिकारी मोतिहारी को भी ईमेल भेज वस्तु स्थिति से अवगत कराया है।
उन्होंने नगर परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि डे नुलाम (Day Nulam) नामक संस्था के माध्यम से कौशल विकास मिशन से जुड़े कार्यक्रम का संचालन कर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाता है। इस बावत श्री खान ने इस मामले पर उंगली उठाते हुए कहा है कि उक्त कार्यक्रम के जरिए कितने लोगो को प्रशिक्षण दिया गया उसका भौतिक सत्यापन जरुरी है।उनका आरोप है कि फर्जीवाड़ा कर चौदह लाख सनतानबे हजार रुपए की राशि पिछले माह भुगतान किया गया है ।जबकि तत्कालीन ई ओ मनीष कुमार ने संचिका लौटाते हुए भुगतान करने से इंकार किया था।
वहीं, श्री खान ने सी बी सी फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से सफाई कराने और भुगतान करने पर भी सवाल उठाया है।उन्होंने कहा कि उक्त कंपनी के कनिष्क राठौर के कार्यों को संतोष जनक नहीं मानते हुए उनका करार रद्द करने और भुगतान नहीं करने का सभापति महोदया की अध्यक्षता मे सशक्त स्थाई समिति मे रेज्यूलेशन लिया गया था।बाद मे इस मामले को ले कर सभापति महोदया हाई कोर्ट तक गईं। लेकिन यहाँ भी तत्कालीन ई ओ मनीष कुमार के तबादला के बाद सब ऑल इज वेल कैसे हो गया?जबकि बोर्ड ने इस संस्था के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।उन्होंने सवाल उठाया है कि ऐसा क्या हुआ की मेल मिलाप हो गया और मामला हाई कोर्ट मे लंबित होने के बावजूद प्रतिमाह पंद्रह लाख चौदह हजार के दर से चार माह का भुगतान कर दिया गया।उन्होंने आरोप किया कि दीपावली छठ जैसे पर्व गंदगी के अम्बार पर बीता।साफ सफाई व्यवस्था की कभी भी ऑडिट कराया जा सकता है।
आगे श्री खान ने यह भी खुलासा किया कि छठ पर्व के मद्दे नज़र मिथिला दीवाल पेंटिंग, लेबर,जेसीबी मशीन, बिलिचिंग, राबीस, होर्डिंग बैनर आदि मे बढ़ा चढ़ा कर बिल भुगतान विपत्र लगभग एक करोड़ की योजना है जो अपने आप मे जाँच का विषय है।उन्होंने मांग किया है कि नगर विकास विभाग और जिलाधिकारी पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराए।