रक्सौल।(vor desk)।कस्तूरबा कन्या +2 विद्यालय के करीब1500 छात्राओं के मैट्रिक और इंटर का फॉर्म जमा और रजिस्ट्रेशन नही होने के मामले में जिला प्रशासन गंभीर है।वहीं,जिला शिक्षा अधीक्षक संजय कुमार ने विधालय के एचएम अजय कुमार को सो कॉज नोटिस जारी किया गया है।उनका कहना है कि उन पर लापरवाही बरतने को ले कर विभागीय करवाई भी की जायेगी।उन्होंने बताया है कि एचएम द्वारा रक्सौल थाना में साइबर कैफे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है,जिसमे दो लोगों को पकड़ा गया है।पुलिस जांच कर रही है।दोषी बखशे नही जायेंगे।उन्होंने कहा है कि छात्राओं का भविष्य सुरक्षित करना पहली प्राथमिकता है।इसके लिए खुद जिलाधिकारी महोदय ने पहल करते हुए बिहार विधालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष से बात की है।सकारात्मक आश्वासन मिला है।हमारा प्रयास है कि इस वर्ष ही छात्राएं परीक्षा दे।अप्रैल में विशेष परीक्षा होगी,उसमे सभी छात्राएं परीक्षा दे सकेंगी।इसमें उन्हे घबराने की जरूरत नहीं है।
छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन,हंगामा
रक्सौल स्थित कस्तूरबा कन्या +2 विद्यालय में सोमवार को नाराज छात्राओं ने जम कर बवाल काटा। स्कूल प्रबंधन व सायबर संचालक के खिलाफ छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया। छात्राओं का कहना है कि जब हम सभी ने समय पर सशुल्क फॉर्म भर कर जमा करा दिए तो हम सभी छात्राओं का रजिस्ट्रेशन क्यो नही हुआ।मैट्रिक और इंटर परीक्षा के लिए सशुल्क परीक्षा फॉर्म जमा करने के बाद भी लापरवाही बरत कर हमारे कैरियर से खिलवाड़ क्यों किया गया? अगर बोर्ड द्वारा हम सभी की गुहार नही सुनी गई तो हम सभी का एक साल बर्बाद हो जाएगा। वही स्कूल प्रबंधन का कहना है कि हम सभी लगे हुए है ताकि छात्राओं का रजिस्ट्रेशन हो सके, फार्म स्वीकार किया जाए।इसके लिए उप मुख्य मंत्री,शिक्षा मंत्री और बोर्ड से मिल कर गुहार लगाई गई है। हालाकि,हंगामे के बीच एचएम अजय कुमार विद्यालय से नदारद दिखे। स्वच्छ रक्सौल संगठन के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने भी सैकड़ो छात्राओ के साथ विधालय पहुचकर विद्यालय में मौजूद प्रभारी एचएम को ज्ञापन सौंपा।
एसडीओ कार्यालय को ज्ञापन
कस्तूरबा बालिका उच्चतर विद्यालय के वर्ग 10 और 12 वीं की छात्राएं सोमवार को अनुमंडल कार्यालय पहुंची। लेकिन एसडीओ अनुपस्थित थे,जिस वजह से कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा और प्रशासन को इस बात से अवगत कराया कि कैसे स्कूल के प्राचार्य की लापरवाही के कारण करीब 1 हजार से अधिक छात्राओं के भविष्य पर संकट के बादल मडरा रहे है। छात्राओं का नेतृत्व कर रहे स्वच्छ रक्सौल संगठन के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने बताया कि प्राचार्य अजय कुमार के द्वारा भले ही सारा आरोप साइबर पर लगाया जा रहा हो, लेकिन इस पूरे मामले में प्रभारी प्राचार्य अजय कुमार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है। छात्राओं से स्कूल में पैसा लिया, फॉर्म भराया गया और ऑनलाइन नहीं किया गया। छात्राओं से परीक्षा फॉर्म भरने के नाम पर भी अवैध उगाही की गयी। इसके बाद भी छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए कस्तूरबा स्कूल के प्राचार्य प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय पंचायती करते रहे। आज बोर्ड से यदि अनुमति नहीं मिलती है तो इन बच्चियों के भविष्य का क्या होगा।इस लिए रक्सौल की बेटियों के भविष्य को देखते हुए मैने यह निर्णय लिया है कि शुक्रवार तक यदि समाधान नहीं होता है तो मैं अनशन करूंगा। एक ज्ञापन डीएम के नाम भी सौंपा गया है, जिसमें यह मांग की गयी है, छात्राओं को परीक्षा फॉर्म भरने के लिए स्पेशल डेट दिया जाये और जो भी लोग इस पूरे प्रकरण में दोषी है।उनपर कार्रवाई की जाए।ज्ञापन देने के लिए पहुंची छात्राओं में रंजना कुमारी, सुषमा कुमारी, सजदा प्रवीण, अफरीना खातून, सबीना खातून, मैमुन नेशा, राजनंदनी, मीरा कुमारी, राधा कुमारी, सानिया प्रवीण, बबीता कुमारी, आयशा खातून, पुष्पा कुमारी, शिवानी कुमारी, अराधना कुमारी सहित अन्य मौजूद थे।
क्या है मामला
मैट्रिक व इंटर की परीक्षा का ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म व रजिस्ट्रेशन सायबर संचालक के द्वारा नही भरा गया। वही सभी छात्राओ ने फॉर्म भर कर पैसा जमा करा दिया था। जिसमे 11 लाख 15 हजार की राशि भी छात्राओ से वसूल कर ली गई थी। मामला बिगड़ता देख विद्यालय के एचएम अजय कुमार के द्वारा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसके बाद रक्सौल थाना ने मनोकामना साइबर कैफे के संचालक राजेश आर्य व उसके पुत्र अभिषेक आर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 2023 के 10 th के 745 छात्राओं के ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए 6 लाख 52 हजार 298 रुपये एव 12वी के 210 छात्राओं के फॉर्म भरने के लिए 2 लाख 57 हजार 500 रुपये वही नवम वर्ग के 643 छात्राओं के पंजीकरण के लिए 2 लाख 5 हजार 760 रुपये यानी कुल 11 लाख 15 हजार 558 रुपये गवन कर लिया गया है। वही इन सब मामले का खुलासा परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि खत्म होने के बाद इसका खुलासा हुआ।हालाकि,साइबर कैफे संचालक आरोपों से इंकार हैं।उनका कहना है कि विभाग के साइट पर प्रॉब्लम था।इसी वजह से दिक्कत हुई।इससे विधालय प्रबंधन को अवगत करा दिया गया था।अब हमे फंसाया जा रहा है।इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने कहा कि लापरवाही विधालय प्रबंधन की है,जिसमें लिपापोती नही चलेगी।इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।