रक्सौल।(vor desk)।बिहार पुलिस के साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रक्सौल नगर परिषद के खाता ट्रांजेक्शन मामले में दो संदिग्ध लोगों को अपने गिरफ्त में ले लिया है।इनसे मिले श्रोत के आधार पर नगर परिषद के खाते से अवैध राशि 2.62करोड़ के निकासी के प्रयास के मामले का दायरा बढ़ता नजर आ रहा है।पुलिस इस मामले को लेकर त्वरित कार्रवाई करते हुए विभिन्न पहलुओं को लेकर सतर्कता बरत रही है।इस बड़े घोटाले को अंजाम देने से पहले ही पर्दाफाश होने से इस घटना के सूत्रधारों की काफी शिद्दत से तलाशी हो रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक,संलिप्तता के संदेह पर दो लोगों को मधुबनी से उठाया गया है।अधिकारियों के मुताबिक मुताबिक दोनों खाताधारक हैं।जिन्हे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।इनके खाते में ही नगर परिषद के रकम को भेजा गया था।पूछताछ में अहम सबूत मिलने का अनुमान है।अब तक जो खुलासे हुए हैं,उससे बड़ी मछलियो की मुश्किल बढ़ती दिख रही है,जो,अब तक निश्चिंत दिख रहे थे और समझ रहे थे कि मामला आया गया हो जायेगा।
बताया गया है की साईबर क्राइम डिपार्टमेंट टीम अब नगर परिषद कार्यालय के कागजात की गहन छानबीन करेगी।इस बात पर जांच केंद्रित है कि आखिर पकड़े गए दोनों शख्स के खाते में में इतनी बड़ी राशि भेजने के पीछे कौन है ? इनके खाते में इतनी बड़ी रकम क्यों भेजी गई!पूछताछ में अहम सुराग हाथ लगने के संकेत हैं। नगर परिषद की संचिका से असली मुजरिम तक पहुंचने की कोशिश है।जांच के दायरे में अधिकारी से कर्मी तक शामिल हैं।इसमें मधुबनी के एक नप कर्मी पर भी नजर है,जो,हिरासत में लिए गए एक खाता धारक के रिश्ते में बताया जा रहा है।
बता दें, रक्सौल नगर परिषद में जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रू एक झटके में ही साफ करने की प्लानिंग रची गई थी।अंदेशा है कि इसके बाद और भी रकम भेजी जाती।मामला खुलने के बाद 26नवंबर को साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।इस मामले में आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार अब तक भूमिगत है।साइबर क्राइम विभाग ने कारवाई के तहत खाता धारको को उठा कर घोटाला में शामिल लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है।हालाकि,अभी एक अन्य खाता धारक पकड़ से बाहर बताया जा रहा है।