रक्सौल।(vor desk)।बच्चे मासूम जरूर होते है लेकिन काफी संवेदनशील भी होते है।आत्मीयता से दूरी बर्दाश्त नहीं कर पाते।कुछ ऐसा ही दृश्य प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय, पनटोका में उत्पन्न हुआ,जब विद्यालय की स्नातक ग्रेड शिक्षिका अपराजिता भट्टाचार्यी इस विद्यालय से विरमण पत्र लेकर जाने लगी।बच्चों ने सजल नेत्रों से उन्हें विदायी दिया और अपने ब्लैक बोर्ड पर आई मिस यू मैम लिखा,जिसे देख कुछ छात्राएं पुनः फफक फफक कर रोने लगी।बच्चो के आत्मीय प्यार देख उपस्थित शिक्षक भी भावुक हो गए। छात्रा अंतरा कुमारी,नव्या कुमारी,लक्ष्मी कुमारी का रो रोकर बुरा हाल था।अंतरा का सुबकना सभी के नेत्रों को सजल करता रहा।वह अपने मैडम को बार बार अपने ही विद्यालय में रहने के लिए बोल रही है।यह मार्मिक पल देख सभी बच्चे दुखी हो गए और एकाएक सबकी रुलाई फूट पड़ी।जब तक अपराजिता मैडम विद्यालय में थी बच्चे उनके मुंह की ओर देख रहे थे,लेकिन जैसे ही वे विद्यालय से निकली बच्चे रोने लगे।बता दें कि उक्त शिक्षिका स्नातक ग्रेड की नियोजित शिक्षिका थी लेकिन श्रीमती भट्टाचार्यी की नियुक्ति बीपीएससी द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर हो गई है,जिन्हें पकड़ीदयाल अनुमंडल के चैता मिड्ल स्कूल में योगदान करना था।इसके लिए वे विद्यालय में मंगलवार को विरमण पत्र लेने आई थी।छात्रा अंतरा कुमारी ने सुबकते हुई बताई मैम हमें अपने बच्चो जैसा प्यार देती थी और पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करती रही।वही,नव्या कुमारी का कहना है कि हमारी वर्ग शिक्षिका थी मैम।वे हमें हमेशा करुणामयी दृष्टि से देखती थी और पढ़ाई के समय कठोर बनकर हमें खूब पढ़ने के लिए मार्गदर्शन देती रही।मौके पर प्रभारी एचएम प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,वरीय शिक्षक मुनेश राम,कुंदन कुमार,सुभाष प्रसाद यादव, मो.सैफुल्लाह, रूपा कुमारी, बबिता कुमारी, आसमां प्रवीण,कविता कुमारी सहित अन्य छात्र छात्राएं भी मौजूद रहे।