रक्सौल।(vor desk)। सूबे में बहुचर्चित बूचड़ खाना घोटाले के बाद रक्सौल नगर परिषद एक बार फिर आर्थिक अनियमितता के मामले को ले कर विवादों में है। निगरानी विभाग के आरोपी रक्सौल नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव के कार्यकाल में एक बार फिर रक्सौल नगर परिषद कार्यालय चर्चा में आ गया है। मामला करोड़ो रूपये के लेनदेन से जुड़े बैंक ट्रांजेक्शन का बताया जा रहा है,जिसमे वित्तीय अनियमितता के साथ साइबर क्राइम की चर्चा तेज है।
इस मामले में नगर परिषद की ओर से एक कंप्यूटर ऑपरेटर अजीत श्रीवास्तव ने जिला मुख्यालय मोतिहारी स्थित साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।जिसमे एक अन्य ऑपरेटर आशीष कुमार को नगर परिषद के कंप्यूटर से विभागीय पोर्टल के अवैध लॉगिन और ओटीपी जेनरेट करने का आरोप लगाया गया है।इस अवैध गतिविधि के जरिए आशीष पर अवैध रूप में चार बैंक ट्रांजेक्शन का प्रयास का आरोप लगा है।जिसकी राशि करीब ढाई करोड़ की बताई जा रही है, जो रक्सौल स्थित केनरा बैंक ब्रांच से संबंधित होने की सूचना है।हालाकि, उक्त भुगतान के बाद बैंक खाते पर होल्ड लगने से भुगतान नही हो पाया।
आवेदक अजीत श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू ने कहा है कि वे छुट्टी पर थे और जब 24नवंबर को छूटी से लौटे तो छेड़ छाड़ और ई मेल पर मैसेज आने का पता लगा।जिसकी सूचना कार्यालय को दी।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि इस मामले की विभाग द्वारा जांच की गई।और कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष से स्पष्टीकरण मांगा गया।बाद में आशीष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
साइबर थाना के थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई और जांच की जा रही है।विभागीय जांच के बाद ही यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।जिसमे कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार समेत अन्य नप कर्मी को आरोपित किया गया है।उन्होंने बताया कि इस मामले में भुगतान नही हुआ है,लेकिन,अनधिकृत लॉगिन कर छेड़छाड़ और ट्रांजेक्शन के प्रयास का आरोप है।
इधर,कम्प्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार का कहना है कि वह निर्दोष है और साजिश के तहत उसे फंसाया जा रहा है ।बताते है कि आशीष ने खुद जांच की मांग की है ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।
इधर,प्राथमिकी दर्ज किए जाने के साथ ही ऑपरेटर आशीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए जाने की सूचना है।बताते है कि इस मामले में घसीटे जाने से बेदाग छवि के आशीष के परिजन सदमे में हैं और सभापति धुरपति देवी सहित जिला प्रशासन,नगर विकास विभाग से निष्पक्ष जांच की मांग की है।वहीं,आशीष एक हॉस्पिटल में इलाजरत है।परिजनो का आरोप है कि गुटबाजी और साजिश के तहत उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
जबकि,कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार पोर्टल हैंडल के लिए अधिकृत थे।हालाकि,कोई लेन देन नही हुआ है।लेकिन,संदिग्ध रूप से पोर्टल से ट्रांजेक्शन के निमित छेड़ छाड़ अथवा हैकिंग का प्रयास हुआ है।यह इंट्रनल भी हो सकता है।इसको ले कर साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।साथ ही आशीष कुमार पर विभागीय कारवाई की गई है।इस मामले में पासवर्ड चेंज और चार पेमेंट का प्रयास किया गया है हालाकि पूछने पर वे पेमेंट से संबंधित कुल राशि के खुलासे से कन्नी काट गए।
बता दे कि रक्सौल के सामाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने बताया की बीते 3 दिन पूर्व नगर परिषद के PFmS(पब्लिक फंड मैंजेमेट सिस्टम) एकाउंट से करोड़ो रुपए ट्रांजेक्शन किया गया है। लेकिन मामला लीक होने के बाद निगरानी के आरोपी रक्सौल कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव ने नगर परिषद के खाता से सबंधित बैंक खाता से लेने देन पर रोक लगाने का पत्रचार किया है। मेरे ईमेल से अर्बन सेक्रेटरी और डीएम को कम्प्लेन किए जाने के बाद साइबर फ्रॉड का आरोप लगा कर इस मामले में आननफानन में मोतिहारी साईबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है।उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए अपील किया है कि कार्यपालक पदाधिकारी को इस अवधि में अलग रख कर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए,ताकि,जांच प्रभावित ना हो।उन्होंने अधिकारियो,कर्मियो के मोबाइल कॉल डिटेल,लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज के जांच की भी मांग की है।उन्होंने कहा है कि एक कंप्यूटर ऑपरेटर की इतनी हिम्मत नही की बिना विभागीय निर्देश पर इतने बड़े रकम का भुगतान का प्रयास करे,जबकि,सब पोर्टल के माध्यम से होना है।ऐसे में हाई लेबल साजिश की बू आ रही है।
बता दे रक्सौल के कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव हाजीपुर में पदस्थापना के समय उंसके कई ठिकानों पर निगरानी का छापा पड़ा था। जिसकी खबर विभन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था। उनके आवास से अवैध सम्पति भी जप्त हुआ था और करीब एक साल सस्पेंड रहे।