रक्सौल।(vor desk)।बिहार के पूर्णियां मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत के बाद चिकित्सक डा राजेश पासवान के ऊपर हुए हमला और घायल होने के विरोध में रक्सौल में चिकित्सकों ने दुख और आक्रोश प्रकट करते हुए दोषी पर करवाई के साथ चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग की।
सरकारी डॉक्टर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े हैं।इससे जुड़े रक्सौल अनुमंडल अस्लताल के चिकित्सक डा राजीव रंजन कुमार,डा अजय कुमार गुप्ता,रिजवाना खातून,प्रिया साह,विजय कुमार,स्वाति सपन आदि ने एक स्वर से दोषियों के विरुद्ध करवाई की मांग की।चेतावनी दी कि यदि सुरक्षा गारंटी देने के साथ ही दोषियों पर उचित करवाई नही हुई तो हम चुप नही बैठेंगे।बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने 21नवंबर को एक घंटे ओपीडी बहिस्कार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आई एम ए )ने एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था।रक्सौल में आई एम ए निष्क्रिय दिखी और कोई पदाधिकारी अस्पताल में नही दिखा।इधर,ओपीडी और हड़ताल को ले कर अस्पताल परिसर में कोई सूचना जारी नही की गई थी।सुबह 9बजे से रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर पुर्जी कट रही थी।इस बीच,कुछ चिकित्सको द्वारा इसकी सूचना देते हुए पुर्जी कटना बन्द करवाया गया।जिसके बाद पुर्जी ले चुके और कतार में खड़े लोग हंगामा पर उतारू हो गए।मरीजों का कहना था कि पुर्जी कटा है,तो,इलाज होना चाहिए।डाटा इंट्री ऑपरेटर कुणाल राय के साथ मरीजों की बकझक भी हुई।हालाकि,सूचना मिलते ही अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने समझा बुझा कर मामला को शांत किया।सूत्रों ने बताया कि करीब 1घंटे तक ओपीडी में ड्यूटी पर रहे चिकित्सक कार्य बहिष्कार की मुद्रा में रहे।हमले को ले कर नाराजगी और आक्रोश जताई।वहीं,दूर दराज से आए मरीजों की भीड़ और परेशानी को देखते हुए चिकित्सको ने जांच और इलाज जारी रखा।अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन ने बताया की इमरजेंसी के साथ ओपीडी भी संचालित रही ।अनुमंडल अस्पताल में कुल 207मरीजों को देखा गया।सूत्रों ने बताया कि अन्य दिनो की अपेक्षा मरीजों की संख्या कम दिखी।इस दौरान भाषा और आई एम ए से अलग अन्य संगठनों से जुड़े डा राजेंद्र प्रसाद सिंह,डा मुराद आलम समेत अन्य चिकित्सको ने अपनी सेवा जारी रखी,जिससे लौकरियां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर,अर्बन पीचसी,समेत अन्य एपीएचसी और हेल्थ सब सेंटर पर हड़ताल का कोई खास असर नहीं दिखा।इस बीच,रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पुर्जी कटाने पहुंची रूबी कुमारी,कन्हैया कुमार,रेखा कुमारी आदि ने बताया कि हड़ताल की कोई सूचना अस्पताल में नही लगा था।उन्होंने बताया की थोड़ी देर पुर्जी कटना बन्द हुआ,हालाकि इलाज में कोई दिक्कत नही हुई।